सेवा, समर्पण और शिक्षा का दूसरा नाम है शिक्षक

40 वर्षों की सेवा के बाद ग्रामीणों ने किया सम्मान

रतलाम। शिक्षक और शिक्षा दोनों एक-दूसरे के पर्याय हैं । शिक्षा की आवश्यकता शिक्षक के व्यक्तित्व को स्थापित करती है जो उसे समाज और अपने विद्यार्थियों में लोकप्रिय बनाती है । ईमानदार समर्पित शिक्षक सदैव लोगों का सम्मान अर्जित करता है । वह कभी सेवा से निवृत नहीं हो सकता उसका यह उपक्रम निरंतर गतिमान रहता है ।
उपरोक्त विचार गांव नौगांवा जागीर स्थित एकीकृत माध्यमिक विद्यालय में पदस्थ शिक्षक बी.के.जोशी के सेवानिवृत्ति समारोह में उपस्थित अतिथियों ने व्यक्त किये । कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती वंदना एवं माल्यार्पण से आरंभ हुआ । मुख्य अतिथि ग्राम पंचायत सरपंच श्रीमती ज्योति दिलीप नागदिया तथा दिनेश पाटीदार ने अध्यक्षता की । विशेष अतिथि शिवपुरी संकुल प्राचार्य.श्रीमती पार्वती परमार एवं शिक्षक सांस्कृतिक मंच के अध्यक्ष दिनेश शर्मा थे । अतिथियों ने बी.के.जोशी को सम्मानित करते हुए उनके व्यक्तित्व और सेवाओं पर प्रकाश डाला । ग्रामीणों तथा बच्चों ने श्री जोशी के लिए उपहार एवं ढोल नगाड़ों के साथ नृत्य करते हुए भव्य जुलूस निकालते हुए विदाई की ।
इस दौरान सर्वश्री आर. एन.चौहान, गजराज सिंह चौहान, राजेंद्र सिंह परमार, पूजा परमार, प्रदीप पांचाल, दिनेश पाटीदार, हेमंत शर्मा, अनिल गिरी गोस्वामी, श्रीमती भावसार, गोपाल चौहान, राकेश मुनिया, अनिल कुमार जोशी तथा विभिन्न सामाजिक संस्थाओं शिक्षक मंच लायंस क्लब रतलाम क्लासिक आदि द्वारा श्री जोशी का सम्मान किया गया ।
श्री जोशी ने अपने सम्मान के उत्तर में ग्रामीणों का आभार जताते हुए अपनी सेवाओं के लिए बच्चों के माता-पिता तथा ग्रामीणों का आभार जताया । इस अवसर पर दिलीप वर्मा, जगदीश सोनी, राजेश डोरिया, श्रीमती संतोष जोशी सहित ग्रामीण जन एवं स्टाफ सदस्य उपस्थित थे । कार्यक्रम का संचालन अनिल गिरी गोस्वामी तथा आभार आशीष जोशी ने व्यक्त किया ।