जैन दिवाकर श्री चौथमलजी म.सा. की 143 वी जन्म जयन्ती एवं पू. श्री कस्तूरचंदजी म.सा. की 115वी दीक्षा जयन्ती के अवसर पर गुणानुवाद सभा सम्पन्न

जावरा (अभय सुराणा) । आचार्य प्रवर, डाँ. शिव मुनिजी म.सा. के आज्ञानुवर्ति, घोर तपस्वी, निद्रा विजेता श्री लाभमुनिजी म. सा. के सुशिष्य नवकारमंत्र आराधक, तपोविभूति, उपप्रवर्तक श्री अरुणमुनिजी म.सा. व सेवा सन्निष्ठ, सरलमना श्री सुरेशमुनिजी म.सा. का यशस्वी चातुर्मास श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ, जावरा के तत्वावधान में जप-तप व विभिन्न धर्म आराधना के साथ दिवाकर भवन पर गतिमान है।
चातुर्मास के अंतिम चरण में एकता के अग्रदुत, जगत वल्लभ जैन दिवाकर श्री चौथमलजी म.सा. की 143 वीं जन्म जयन्ती तथा मालव रत्न, ज्योतिषाचार्य, जावरा के गौरव, उपाध्याय प्रवर श्री कस्तूरचंदजी म.सा. की 115 वीं दीक्षा जयंती के पावन अवसर पर आयोजित 5 दिवसीय कार्यक्रम के दुसरे दिन कस्तूरचंदजी म.सा. के जाप तथा गुणानुवाद सभा सम्पन्न हुई।
गुणानुवाद सभा को सम्बोधित करते हुए पूज्य गुरुदेव *श्री अरुण मुनिजी म. सा. ने फरमाया कि कस्तूरचंदजी म.सा. का जन्म जावरा नगर की पावन धरा पर धर्मनिष्ठ सुश्रावक श्री रतिचंदजी चपड़ोद की धर्म सहायिका श्रीमती फूली बाईजी की पावन कुक्षि से हुआ। आपको जन्म से ही धार्मिक संस्कार प्राप्त हुए। बाल्यकाल में ही फ्लेग महामारी से आपके माता-पिता का दु:खद निधन होने पर आपको इस संसार से विरक्ति हो गई तथा आप धर्म ध्यान, ज्ञानर्जन तथा साधु भगवंतो की सेवा में लीन हो गये।आपने अल्पायु में ही जैनाचार्य श्री खुबचंदजी म.सा. के पावन मुखारविंद से रामपुरा में दीक्षा अंगीकार की।आपने जैन शास्त्रो के साथ ही ज्योतिष शास्त्र का गहन अध्यन किया। आपने वरिष्ठ साधु भगवंतो की निश्चल भाव से सेवा की। प्राणी मात्र के प्रति आपके हृदय में दया तथा करुणा का भाव था। आपके भक्त आपको भगवान स्वरुप मानते थे। आप छोटे-बड़े सभी भक्तो को समान भाव से स्नेह व आशीर्वाद प्रदान करते थे। आपका जीवन महान था।आपको वचन सिद्धी प्राप्त थी। आपने अंतिम समय में रतलाम नगर में स्थिर वास किया।
सम्पुर्ण नवम्बर माह की प्रभावना के लाभार्थी श्रीमती स्मिता बेन विनोदरायजी भायाणी की पुण्य स्मृति में श्रीमान युवानजी संजयजी भायाणी परिवार मैलबोर्न ( आस्ट्रेलिया ) तथा कस्तूर चंदजी म.सा. के जाप की प्रभावना के लाभार्थी श्रीमान् प्यारचंदजी, बसंतीलालजी, रुपेशजी चपड़ोद परिवार थे। धर्मसभा का संचालन महामंत्री कनकमल चौरडिय़ा ने किया कल शनिवार प्रात: 9 बजे से नवकार महामंत्र के जाप, जैन दिवाकरजी म.सा. के जाप तथा गुणानुवाद सभा एवं *शताब्दी नायक, शासन शिरोमणी श्री मूलचंदजी म.सा. द्बारा श्री अरुण मुनिजी म.सा. को प्रदत्त उपाधी से अलंकृत किया जावेगा। उक्त जानकारी इंदरमल टुकडिय़ा – अध्यक्ष, कनकमल चौरडिय़ा – महामंत्री, महावीर छाजेड़ -कोषाध्यक्ष एवं समस्त पदाधिकारी श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ, जावरा (म.प्र.) द्वारा दी गई।