सूरत/बलेश्वर(डॉ. अमित राय जैन) । श्रमण संघ के महामहिम आचार्य सम्राट पूज्य श्री शिव मुनि जी के मुखारविंद से सूरत (गुजरात) में श्रमण संघ की सांगठनिक व्यवस्था को सुदृढ़ करने हेतु उत्तर भारत में प्रवर्तक पदस्थापना की घोषणा की गई है। मुनि माया राम संघ के आचार्य पूज्य श्री सुभद्र मुनि जी म.सा. द्वारा उत्तर भारत स्थानकवासी जैन समाज में एकता समन्वय हेतु आचार्य पद का त्याग कर श्रमण संघ की स्थापना हेतु आचार्यों की त्याग परंपरा का अनूठा उदाहरण प्रस्तुत किया गया।
संपूर्ण देश भर में यह समाचार सार्वजनिक रूप से घोषित होते ही श्रमण संघ के वर्तमान आचार्य सम्राट पूज्य श्री शिव मुनि जी महाराज की दिव्य दृष्टि एवं भविष्य गत एकता हेतु आप श्री जी ने आचार्य श्री सुभद्र मुनि जी म.सा.एवं श्रमण संघीय सलाहकार श्री सुमति प्रकाश जी म.सा.के सुशिष्य श्री आशीष मुनि जी महाराज को उत्तर भारत के प्रमुख संघ के प्रवर्तक के रूप में पदस्थापना कर एक इतिहास कायम किया है।
समग्र श्रमण संघ के अनुयायी वर्ग को बधाई। पूज्य प्रवर्तक श्री सुभद्र मुनि जी महाराज एवं पूज्य प्रवर्तक श्री आशीष मुनि जी महाराज का अभिनंदन। आचार्य भगवंत की यह घोषणा एवं पूज्य श्री सुभद्र मुनि जी महाराज के द्वारा श्रमण संघ स्थापना के सात दशकों के बाद संपूर्ण संघ सहित श्रमण संघ में आचार्य पद का त्याग कर शामिल होने की घोषणा किए जाने का यह दुर्लभ क्षण श्रमण संघ के इतिहास में मील का पत्थर साबित होगा।