जोधपुर महापुरुषों की वाणी का सत्संग तीर्थ सब तीर्थों से महान है जिसमें आत्मा का प्रक्षालन होकर निर्मल और पवित्र हो जाती है उक्त विचार राष्ट्र संत कमलमुनि कमलेश ने तपस्वी घनश्याम मुनिजी 26 में दीक्षा दिवस पर महावीर भवन निमाज की हवेली में संबोधित करते कहा कि बाकी तीर्थों से बाहर की शुद्धि हो सकती है लेकिन आंतरिक शुद्धि तो सत्संग से संभव है ।
उन्होंने कहा कि कलयुग में सत्संग से बढ़कर बड़ा साधन नहीं हो सकत आध्यात्मिक सामाजिक राष्ट्रीय उत्थान के लिए सत्संग में ही धर्म और परमात्मा का निवास है । मुनि कमलेश ने कहा कि अनंत जन्मों के पापों सत्संग एक पल में मुक्ति दिला देती है नवीन आशा और भावों का संचार करते हैं । राष्ट्रसंत ने कहा कि कानून डंडे दबाव से दबाया जा सकता है मौका पाकर विस्फोटक रूप ले लेता है लेकिन सत्संग से यदि परिवर्तन हो कर समूल नष्ट हो जाता है।
जैन संत ने बताया कि धन वैभव लक्ष्मी तो पापी को भी मिल सकती है अनंत जन्मों का पुण्य उदय होता है तब आत्मा का सत्संग में मन लगता है दीक्षा जयंती के उपलक्ष में श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ जोधपुर महावीर भवन की ओर से 51 किलो गुड़ गौशाला में भेजा गया कौशल मुनि अरिहंत मुनि ने विचार व्यक्त किए अक्षत मुनि ने मंगलाचरण किया