रतलाम । शासकीय कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय, रतलाम में भारतीय ज्ञान परंपरा के अन्तर्गत हमारे बुजुर्ग, हमारा अभिमान विषय पर परिचर्चा का आयोजन डॉ.उषा व्यास सेवानिवृत्त प्राचार्य तथा श्री सत्यसाई सेवा संगठन की सक्रिय पदाधिकारी के मुख्य आतिथ्य में सम्पन्न हुआ ।
सर्वप्रथम डॉ. व्यास द्वारा माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया । तत्पश्चात छात्राओं ने बुजुर्गों से संबंधित अपने अनुभवों और सीख को साझा किया। इस अवसर पर एम. ए राजनीति विज्ञान तृतीय सेमेस्टर की 35 छात्राओं ने अपने विचार कहानी, कविताओं और अनुभवों के माध्यम से साझा किये।
डॉ उषा व्यास ने अपने चिर – संचित अनुभवों से छात्राओं को कहानी और विचारों के माध्यम से जीवन की महत्वपूर्ण शिक्षा दी। वृद्धाश्रम की संस्कृति पर चिंता व्यक्त करते हुए छात्राओं को कहा कि वे नैतिक मूल्यों और धरोहरों का संरक्षण करें ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. सुरेश कटारिया ने वृद्धजनों के आशीर्वाद को जीवन की अमूल्य धरोहर बताते हुए छात्राओं को वृद्धजनों का आदर करने की शपथ दिलाई ।
भारतीय ज्ञान परंपरा प्रकोष्ठ प्रभारी तथा जनीतिविज्ञानविषयकीविभागाध्यक्षडॉ. मंगलेश्वरी जोशी ने छात्राओं को संबोधित करते हुए छात्राओं को सदैव -बड़े बुजुर्गो का सम्मान करने और उनके अनुभवों से लाभान्वित होने की शिक्षा दी ।
कार्यक्रम का सफल संचालन करते हुए डॉ.सुनीता जैन ने भी पश्चिम संस्कृति के दुष्प्रभावों से छात्राओं को आगाह करते हुए भारतीय संस्कृति का अनुसरण करने को कहा ।इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. सुरेश कटारिया ने शाॅल और श्रीफल से डॉ. व्यास का सम्मान किया तथा चरण स्पर्श कर उनका आर्शीवाद लिया । डॉ. व्यास ने प्राचार्य को उनके द्वारा लिखित पुराणों में चित्रित देवर्षि नारद “पुस्तक की प्रति भेंट की ।
छात्राओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। इस अवसर पर डॉ माणिक डांगे,डॉ संध्या सक्सेना,डॉ मीना सिसोदिया उपस्थित थी।