रतलाम। आज 26 नवंबर 2024 को शासकीय महाविद्यालय कालूखेड़ा में संविधान को अपनाने के 75 वर्ष पूर्ण होने पर ‘हमारा संविधान हमारा स्वाभिमान’ कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉ सी.एम मेहता ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि आज की तारीख 26 नवंबर कोई आम दिन नहीं है, यह भारतीयों के अस्तित्व का आधार संजोए है। क्योंकि यही वह दिन है जब भारत की आत्मा की रूपरेखा यानी हमारा संविधान अस्तित्व में आया था। तारीख थी 26 नवंबर 1949 जब भारत का संविधान सभा द्वारा अपनाया गया। इसके ठीक दो माह बाद 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू किया गया था तब जाकर भारत एक गणराज्य बना था। डॉ मेहता ने बताया कि भारतीय संविधान दुनिया का एकमात्र संविधान है जो हस्तलिखित और चित्रों के अलंकृत है इस विधिवत संविधान में अभी 25 भाग है जब बना था तब 22 भाग थे। इसमें खास बात है कि हर के पहले पृष्ठ पर भारतीय संस्कृति, सभ्यता और मूल्यों की विरासत को दर्शाने वाले प्रतिमों का चित्रांकन किया गया है। इसे सजाने में सिंधु घाटी सभ्यता, मोहनजोदड़ो, कर्नाटक की बादामी गुफा और महाराष्ट्र की अजंता एलोरा की गुफाओं में मौजूद विशुद्ध भारतीय शैली के चित्र शैली का उपयोग किया गया है। प्रस्तावना पृष्ठ के अलंकरण में समुद्र मंथन से निकले सात अहम प्रतिको को शामिल किया गया है, जो प्राचीन भारतीय मूल्यों को प्रदर्शित करते हैं। इस पृष्ठ को भारतीय संविधान की आत्मा कहा जाता है। हमारे संविधान का आदर्श वाक्य है हम भारत के लोग, यह शब्द एहसास कराता हैं भारत की ताकत इसकी विविधता में है यहां हर धर्म, भाषाएं, बोलियां, संस्कृतियां समान रूप से महत्वपूर्ण है। यह बातें हमें दूसरे देशों से अलग और बेहतर बनाती है आज का दिन हमें अपने संविधान की महानता और इसकी रक्षा के प्रति हमारी जिम्मेदारी का स्मरण करता है। क्योंकि हमारी यही कोशिश न सिर्फ संविधान बल्कि पूरे देश को मजबूती देगी। इसके पश्चात कार्यक्रम की दूसरी मुख्य वक्ता राजनीति विज्ञान की अध्यापिका प्रो हीरा चौहान ने छात्र-छात्राओं को संबोधित किया तथा संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों के बारे में बताया। मैडम ने छात्र-छात्राओं को संविधान के नियम और कानून के बारे में बताया तथा उनसे निवेदन किया कि जिस प्रकार हम अपने घर के नियम तथा कानून का पालन करते हैं उसी प्रकार हमें हमारे देश के लिए भी अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए नियमों और कानूनो का पालन करना चाहिए। इसके पश्चात छात्र-छात्राओं को पीपीटी के माध्यम से संविधान के सभा सदस्यों के बारे में जानकारी प्रदान की गई इसके साथ ही छात्र-छात्राओं के लिए क्विज प्रतियोगिता आयोजित की गई जिसमें विभिन्न प्रकार के संविधान से संबंधित प्रश्नों का उत्तर देने पर छात्र-छात्राओं को पुरस्कृत किया गया।
अंत में कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही हिंदी साहित्य की प्राध्यापिका डॉ अंजेला सिंगारे मैडम ने छात्र-छात्राओं को संविधान के बारे में बहुत ही सुंदर और संक्षिप्त जानकारी प्रदान की। कार्यक्रम का संचालन प्रो हुमा परवीन मंसूरी ने किया तथा आभार प्रो नाजिश शेख ने माना। कार्यक्रम में प्रो चेतन देवड़ा, डॉ माया शर्मा, डॉ चेतना कोठारी, डॉ अर्चना पांडे , डॉ सतीश जायसवाल, डॉ हिरदेश्वर गुप्ता, डॉ विजय कुमार दीक्षित, डॉ जय प्रकाश सारवान तथा बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित रहे।