लोकसभा अध्यक्ष ने वर्चुअल माध्यम से मुनि दीक्षा समारोह को किया संबोधित
नई दिल्ली । लोकसभा अध्यक्ष माननीय ओम बिरला ने कहा कि शांति और विश्व कल्याण में जैन समाज की अग्रणी भूमिका है। जैन दर्शन के मूल में अहिंसा, त्याग और सेवा की भावना है जिसको निभाने में जैन समाज के लोग सदैव तत्पर रहते हैं। वे गुरूवार को मध्यप्रदेश के भिंड में गणाचार्य श्री विरागसागर महाराज के 38वें मुनि दीक्षा दिवस और 25 समवशरण विधान समारोह को वर्चुअल माध्यम से संबोधित कर रहे थे।
लोकसभा अध्यक्ष श्री बिरला ने कहा कि भारत आध्यात्म के साथ हमेशा से ही शांति और मानवता के प्रति प्रेम का केंद्र रहा है। हमारे प्राचीन धर्मग्रंथों में भी आध्यात्मिकता और विश्व शांति की महत्ता का उल्लेख किया गया है। हमारे जनमानस और संस्कृति में वसुधैव कुटुंबकं अर्थात् ‘पूरा विश्व हमारा परिवार है’ की सर्वव्यापी भावना निहित है। इसी सार्वभौमिक कल्याण की भावना से जैन धर्म भी ओत प्रोत है।
उन्होंने कहा कि महाप्रभु ऋषभदेव से लेकर भगवान महावीर तक सभी तीर्थंकरों ने बंधन को त्यागकर मोक्ष को अंगीकार किया। उनके विचारों तथा उनके जीवन से जैन दर्शन का विकास हुआ। जैन धर्म मानवता की सेवा पर भी बल देता है। इसी कारण हमें अपने आस-पास अनेक ऐसे अस्पताल, स्कूल और लोक हित के अन्य संस्थान दिखाई देते हैं जिनकी स्थापना और प्रबंधन जैन धर्म के लोगों द्वारा किया जा रहा है।
कोरोना महामारी के दौरान आमजन की सहायता के लिए जैन समाज की ओर से किए गए प्रयासों की सराहना करते हुए लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने कहा कि परोपकार, त्याग एवं दान की भावना के साथ जैन समाज मुश्किल वक्त में पूरी तत्परता और ताकत से सहायता कार्य में लगा रहा है। इस कार्य की मानवता सदैव ऋणी रहेगी।
कोटा की स्मृतियों को किया जीवंत-
कार्यक्रम के दौरान लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कोटा में वर्ष 2018 में विराग सागर महाराज के सान्निध्य में आयोजित ससंघ की स्मृतियों को भी जीवंत किया। उन्होंने कहा कि उस दौरान मुनिआचार्यश्री का मंगल प्रवेश उत्सव अद्भुत रहा था। गणाचार्य श्री विरागसागर महाराज पिछले 25 वर्षों से अहिंसा, व्यसन मुक्ति, शाकाहार, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ एवं स्वच्छता के रजत जयंती वर्ष में जब कोटा में रैली निकली तब मुझे भी इसमें ध्वज लेकर चलने का सौभग्य प्राप्त हुआ था। गणाचार्यश्री अपने प्रवचनों से अनेक लोगों को कल्याण के मार्ग पर चलने को प्रेरित कर चुके हैं। मानवता की सेवा के इस महत्वपूर्ण कार्य के लिए उन्हें अपनी कृतज्ञता ज्ञापित करता हूं।