
गदग कर्नाटक जैन स्थानक। राष्ट्र संत कमल मुनि जी कमलेश के आगे के कार्यक्रम को भक्ति के बल पर संघ ने अपने यहां पर रोक लिया। इतिहास में पहली बार रामनवमी, महावीर जन्म कल्याणक, हनुमान जयंती तीनों एक साथ बनाने का निर्णय लिया गया। इसके अन्तरगत दिनाक 6 अप्रैल से 10 अप्रैल तक विभिन्न आयोजन होंगे।
प्राप्त जानकारी के अनुसार 6 अप्रैल को प्रेस कॉन्फ्रेंस, 7 अप्रैल को वीरांगना सम्मान समारोह, 8 अप्रैल को सर्वधर्म सम्मेलन 9 अप्रैल को प्रातः जितों के द्वारा विश्व स्तरीय महामंत्र नवकार का सकल जैन समाज की ओर से विशाल पैमाने पर इतना ही नहीं मुनि कमलेश के भावना का सम्मान करते हुए पूरी लगभग 350 जैन समाज ने मिलकर तीन स्थानों पर विहार धाम बनाने का संकल्प लिया।
मुनि कमलेश ने क्रांतिकारी आवाहन करते हुए कहा कि समय की मांग है बाहरी क्रियाकांड और परंपराओं के व्यर्थ विवादों से बिखराव को रोक कर आपस में प्रेम और एकता का शंखनाद करें। महावीर एक है मंत्र एक है मोक्ष, एक है मार्ग आने को हो सकते हैं, मंजिल एक है। राजस्थान पत्रिका के प्रधान संपादक हुबली आकर के धार्मिक सामाजिक राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय समस्याओं के ऊपर पत्रकार वार्ता करते हुए मार्गदर्शन प्राप्त किया। मुनि कमलेश के निर्भीक निष्पक्ष और निडर टिप्पणी से काफी प्रभावित हुए पूरे दक्षिण में जब तक राष्ट्र संत विराजे जाएंगे हम निरंतर अपनी सेवाएं प्रदान करेंगे। प्रवचन में दिगंबर श्वेतांबर स्थानकवासी तेरापंथी सभी ने उत्साह पूर्वक भाग लिया। महावीर जयंती का समारोह गौशाला परिसर में मनाया जाएगा। रचनात्मक कार्यों को देखते हुए मुनि कमलेश से जब स्वीकृति प्रदान की संघ में उत्साह की लहर छा गई। दूसरी तरफ कॉपल होसपेट संघ में निराशा छा गई फिर भी आशावादी है। महावीर जयंती के बाद राष्ट्र संत हमारे आंगन में पधारेंगे अभी से उन्होंने इसकी तैयारी शुरू कर दी है।