
इंदौर (राजेश जैन दद्दू) । इस वर्ष 10 अप्रैल गुरुवार को वर्तमान शासन नायक भगवान वर्धमान जो लोक में भगवान महावीर के नाम से प्रसिद्ध हुए उनका जन्म कल्याणक महोत्सव है।
तीर्थंकर महावीर स्वामी ने अहिंसा को सबसे उच्चतम नैतिक गुण बताया। उन्होंने दुनिया को जैन धर्म के पंचशील सिद्धांत बताए, जो है– अहिंसा, सत्य, अपरिग्रह, अचौर्य (अस्तेय) ,ब्रह्मचर्य। उन्होंने अनेकांतवाद, स्यादवाद और अपरिग्रह जैसे अद्भुत महाव्रती सिद्धान्त बताए।
इस अवसर पर राष्ट्रीय जिनशासन एकता संघ के प्रचारक राजेश जैन दद्दू अपील करता है कि सभी समाज जन शाम के समय अपने अपने घरो पर 5 दीपक पंचशील सिद्धांतो और पंच परमेष्टि के प्रतीक स्वरूप लगाए , रंगोली बनाएं अपने अपने घर द्वार सजाएं और आकर्षक साज सज्जा करे। दद्दू ने बताया कि
विश्व जैन संगठन के अध्यक्ष मंयक जैन भारत वर्षीय समंग्र जैन समाज से अपील करते है कि भगवान महावीर के सिद्धांतो को मंदिर से बाहर लाकर चौराहे पर लाए, जिससे समाज में शांति आए और सभी के बीच आपसी सामंजस्य के साथ जियो और जीने दो का संदेश फैले।
भगवान महावीर के उपदेश आज भी इंसान को आत्मानुशासन, संयम और नैतिकता के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देते हैं।