
जावरा (निप्र)। मध्यप्रदेश के नीमच जिले के सिंगोली कस्बे से 7 किलोमीटर दूर एक दुर्भाग्यपूर्ण और हृदयविदारक घटना सामने आई है। हनुमान मंदिर में रुके तीन जैन मुनियों पर लाठी-डंडों से हमला किया गया। ये वही संत हैं, जो तप, त्याग और अहिंसा के मार्ग पर चलकर समाज को शांति और करुणा का संदेश देते हैं।
अखिल भारतीय जैन योग अध्यक्ष के राष्ट्रीय वरिष्ठ मार्गदर्शक अभय सुराणा ने इस घटना की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए कहा कि कहा कि इन मुनियों का दोष क्या था? ना उन्होंने किसी को नुकसान पहुँचाया, ना किसी से कुछ माँगा। वे तो केवल आत्मकल्याण की साधना में लीन थे। फिर भी उन पर हमला हुआ—किसी धार्मिक स्थल में रुके हुए मुनियों पर हिंसा, यह हमारी संस्कृति और सहिष्णुता पर एक काला धब्बा है।
इस जघन्य कृत्य के विरोध में स्थानीय सिंगोली की जनता ने शहर बंद कर अपना आक्रोश और पीड़ा प्रकट की। न सिर्फ जैन समाज वरन सभी समाज ने यह दिखाया कि वह चुप नहीं बैठेगा जब संतों पर अत्याचार होगा। जब संतों पर हमला होता है केवल व्यक्ति नहीं पूरी मानवता घायल होती है।
इस मामले में अब तक राजस्थान के 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है, शराब के नशे में कहकर को छोड़ नहीं जा सकता है इनके पीछे और कोई साजिश तो नहीं है इसकी जांच भी करना चाहिए 6आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है जो उम्मीद की एक किरण है कि न्याय की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं। पुलिस प्रशासन धन्यवाद की पात्र है।
हम सबकी ज़िम्मेदारी है कि हम ऐसी घटनाओं का विरोध करें, समाज में जागरूकता फैलाएँ । असामाजिक तत्वों ने जैन संतों के ऊपर कातिलाना हमला किया यह संतों पर नहीं पूरी भारतीय संस्कृति आध्यात्मिकता पर हमला है। हम सब मिल बैठकर यह सुनिश्चित करें कि फिर कभी किसी संत, किसी निर्दोष पर ऐसा अत्याचार न हो।
“अहिंसा की राह पर चलने वालों को हिंसा का शिकार बनते देखना, केवल एक धर्म की नहीं, पूरे मानव धर्म की हार है।”