रतलाम। पांच वर्ष पूर्व पिता द्वारा की गई अपने बेटे की हत्या के मामले में रतलाम न्यायालय के सप्तम अपर सत्र न्यायाधीश राजेश नामदेव ने आरोपी मांगीलाल पिता फूलजी, उम्र 50 वर्ष, निवासी लक्कीपाड़ा थाना बाजना को धारा 302 भारतीय दंड संहिता के तहत आजीवन कारावास व 1000 रुपए के जुर्माने से दंडित किया है।
प्रकरण में शासन की ओर से पैरवीकर्ता अपर लोक अभियोजक एवं शासकीय अधिवक्ता समरथ पाटीदार ने बताया कि फरियादी राजू निनामा ने रिपोर्ट दर्ज कराई की में ग्राम लक्कीपाड़ा में रहकर खेती का काम करता हूं, हम दो भाई हैं बडा भाई सुखलाल उम्र करीब 30 वर्ष का उसके पिताजी मांगीलाल के पास रहता है, में ओर मां हुकलीबाई अलग रहते है, पिता मांगीलाल का मकान मेरे मकान से करीब 1 किलोमीटर दूर है, घटना दिनांक 14.11.2020 की रात्रि को वह खेत पर गेहूं में पानी पिला रहा था, तो मेरे पास मेरे गांव का अशोक पिता ऊकारसिंह मईडा आया और बोला कि तेरे भाई सुखलाल को तेरे पिता मांगीलाल ने मारपीट की है जो घर पर पड़ा है। तब में व अशोक मोटरसाइकिल लेकर जल्दी पिताजी के घर पहुंचे वहा देखा कि मेरा भाई सुखलाल खून से लटपट पड़ा, सर में पीछे तरफ चोट होकर खून निकल रहा था, और बाएं हाथ और बाय पांव में भी चोट होकर टूटे हुए लग रहे थे, मैने मेरे भाई सुखलाल को पूछा तो वह बोला कि उसे पिताजी मांगीलाल ने लठ ओर कढाई से मारपीट की है और मारपीट करके भाग गए हैं। सुखलाल बहुत ज्यादा घबरा रहा था तो में गाड़ी की व्यवस्था करने गया, और गाड़ी तूफान लेकर वापस घर आया तो सुखलाल की मौत हो चुकी थी, पिताजी मांगीलाल ने मेरे भाई सुखलाल को लट व कढाई से उसके साथ मारपीट कर उसकी हत्या कर दी है।
फरियादी राजू की रिपोर्ट पर से मांगीलाल के विरुद्ध बाजना थाने में हत्या का मामला दर्ज कर जांच में लिया गया, जांच के दौरान मृतक सुखलाल के शव का पीएम कराया गया, घटनास्थल का नक्शा मौका निर्मित कर घटना स्थल से खून में सनी हुई मिट्टी व शादी मिट्टी तथा एक अल्युमिनियम की कढ़ाई जप्त की गई। आरोपी मांगीलाल से पुलिस ने पूछताज की व पूछताज के आधार पर घटना में प्रयुक्त एक लाठी जप्त की गई, तहसीलदार से घटनास्थल का ट्रेस नक्शा तैयार करवाया गया व मृतक सुखलाल के पहनने के कपड़े जप्त किए गए।
तत्कालीन थाना प्रभारी बीएल भावर द्वारा जांच के दौरान गवाहों के कथन लिए व घटना में प्रयुक्त लाठी, कढ़ाई, घटनास्थल से खून से सनी हुई मिट्टी व सादी मिट्टी और मृतक के कपड़ों को जप्त कर जांच हेतु न्यायिक विज्ञान प्रयोगशाला भोपाल भेजा था,व संपूर्ण जांचकर आवश्यक अनुसंधान पूर्ण कर चार्जशीट न्यायालय में प्रस्तुत कि थी।न्यायालय में प्रकरण के विचारण के दौरान अभियोजन की ओर से मृतक के भाई फरियादी राजू व उसकी मां हुकलीबाई सहित ग्यारह गवाहों के कथन न्यायालय में करवाए गए।
शासकीय अधिवक्ता समरथ पाटीदार ने बताया कि न्यायालय ने परिस्थितिजन्य साक्ष्य के आधार पर भी पिता को दोषी माना:-
1- मृतक सुखलाल व उसके पिता का एक साथ एक ही मकान में निवास करना व मृतक सुखलाल का शव उनके घर में पाया जाना परिस्थितियों को निर्मित करता है कि पिता द्वारा ही हत्या की गई है।
2- भोपाल प्रयोगशाला से जो रिपोट प्राप्त हुई उस रिपोर्ट में पिता से जप्त लाठी घटना स्थल से जप्त कढ़ाई, खून से सनी मिट्टी और मृतक के जप्त कपड़ो पर एक समान डीएनए प्रोफाइल पाया गया, सभी पर मृतक सुखलाल का रक्त पाया गया।