सभी धर्मों का मुख्य लक्ष्य है मानवीय रिश्तो में मधुरता लाना प्रेम सद्भाव के फूल खिलाना – राष्ट्रसंत कमलमुनि कमलेश

दांत राई (जीरावाला पाश्र्वनाथ राज.)। सभी धर्मों का मुख्य लक्ष्य है मानवीय रिश्तो में मधुरता लाना प्रेम सद्भाव के फूल खिलाना । उक्त विचार राष्ट्र संत कमलमुनि कमलेश ने जैन उपाश्रय में धर्म सभा को संबोधित करते कहा कि विश्व का कोई भी धर्म नफरत फिरका परस्ती अलगाव और कट्टरता अपनाने की इजाजत नहीं देता है ।
उन्होंने कहा कि धर्म जोडऩे की शिक्षा देता है तोडऩे की नहीं तोडऩा तो अपने आप में अधर्म और पाप और शैतान के लक्षण है। मुनि कमलेश ने कहा कि जो मानव बनकर मानव से प्यार नहीं करता उसे भगवान की प्राप्ति कभी नहीं हो सकती। राष्ट्रसंत ने स्पष्ट कहा विश्व में जितना खून खराबा धर्म के नाम पर हुआ है उतना युद्ध हथियारों से नहीं धर्म के नाम पर एक कतरा खून बहना भी कलंक और शर्मनाक है।
जैन संत ने दुख के साथ कहा कि महापुरुषों ने कल्पना तक नहीं की होगी कि हमारे नाम पर मानवता कत्ल होगी पुन: आकर दुर्दशा देख ले तो शायद सदमे से ही दम तोड़ देंगे घनश्याम मुनि गौतम मुनि अरिहंत मुनि ने विचार व्यक्त किए कौशल मुनि जी ने मंगलाचरण किया शाम को जीरावला तीर्थ के लिए प्रस्थान किया 2 मार्च तक वहां विराज ने की संभावना है। इस मौके पर अशोक कुमार जैन, देवी चंद जैन, नरेश जैन, विक्रम सिंह, बाबूलाल जैन सभी ने संतो के आगमन पर स्वागत किया एवं पुलिस प्रशासन की सेवाएं सुंदर रही ।