शीतलतीर्थ रतलाम में तपस्वी सम्राट आचार्य श्री सन्मति सागरजी महाराज के शिष्य आचार्य श्री सुवीरसागर जी महाराज का ससंघ आगमन हुआ

रतलाम। परमपूज्य चतुर्थ पट्टाधीश आचार्य श्री योगीन्द्रसागरजी महाराज की प्रेरणा से निर्माणाधीन शीतलतीर्थ रतलाम में तपस्वी सम्राट आचार्य श्री सन्मति सागरजी महाराज के शिष्य आचार्य श्री सुवीरसागर जी महाराज का ससंघ आगमन हुआ, आचार्य श्री सुवीरसागर जी महाराज ससंघ की यात्रा की पाश्र्वोदय तीर्थ जि. अमरावती से बांसवाड़ा राजस्थान की ओर चल रही है। महामारी के इस समय में आचार्य श्री का संघ समस्त कोरोना के नियमों का पालन करते हुए। बड़ी सावधानी पूर्वक विहार कर रहा है। समस्त व्यवस्थाएं बड़ी सजगता से साधुओं के संयम पालन करते हुए हो रही है।
वात्सल्य के धनी आचार्यश्री सुवीरसागर जी महाराज ने कहा कि आचार्यश्री योगीन्द्रसागर जी महाराज की प्रेरणा से निर्मित ये शीतलतीर्थ रतलाम बांसवाड़ा रोड पर बहुत ही सुंदर एवम बहुउपयोगी तीर्थ बन रहा है। यहां त्यागी व्रतियों की समुचित व्यवस्था तो है ही किन्तु जीवदया हेतु सुंदर गौशाला भी है। जिसमे 150-200 गाये है। कृत्रिम कैलाश पर्वत का निर्माण बहुत ही अद्भुत व परिश्रम का कार्य है। कैलाश पर्वत पर 72 जिनालय के निर्माण व पंचकल्याणक के बाद इस तीर्थ की छटा अद्भुत होगी।इस तीर्थ की अधिष्ठात्री डॉ सविता दीदी को इस कार्य संचालन हेतु बहुत-बहुत आशीर्वाद।आचार्यश्री योगीन्द्रसागर जी महाराज के स्वप्न को पूर्ण करना हम सबका दायित्व है। सविता दीदी को हमारे सहयोग की आवश्यकता होगी तो मेरा पूरा संघ सदैव तत्पर रहेगा।
पलास गाँधी,रतलाम