जावरा (अभय सुराणा) । एक राष्ट्र की महानता का उल्लेख इस बात से होता है कि उसका व्यवहार पशु पक्षियों के साथ कैसा है। यह सच है कि जिसका कोई नहीं उसका भगवान होता है। लेकिन यह भी सच है कि भगवान हर पल, हर जगह उपस्थित नहीं हो सकते इसलिए वह कुछ नेक इंसान को धरती पर भेज देते हैं। जो बिना स्वार्थ के दूसरों का भला करते है। साथ ही मुख्य पशु पक्षियों का भी सहारा बन जाते हैं और जीव दया का लक्ष्य अपने जीवन में उतार लेते हैं।
भगवान ने कुछ ऐसे ही नेक दिल इंसान जावरा, मध्यप्रदेश की धरती पर भी उतारे है। जिन्होंने जैन सोशल ग्रुप जावरा नवकार का गठन किया। जिसके माध्यम से वे जरूरतमंद लोगों की सहायता करते हैं और साथ ही पशु पक्षियों के आहार पानी की व्यवस्था भी करते हैं।
यही छोटी-छोटी चीजें व्यक्ति का चरित्र दर्शाती है। यह भी बताती है कि उसमें जीवो के प्रति कितनी संवेदना और सहानूभूति है
जे.एस.जी. जावरा नवकार का गठन अप्रैल 2018 में हुआ था। जिसमें कुल 180 दंपत्ति जुड़े हुए है। नवकार ग्रुप ने 5 मई 2018 को सकारात्मक पहल के साथ करुणा योजना का शुभारंभ किया था। जिसके सफलतम 3 वर्ष पूर्ण हो चुके हैं।
जीवो के प्रति दया भाव रखना अर्थात जीवदया, जिसका दूसरा नाम करुणा है। इसी संकल्प के साथ ग्रुप सदस्य रोज सुबह गायों को चारा और पक्षियों के लिए दाना पानी का इंतजाम करते है।
सदस्यों के जन्मदिन, विवाह वर्षगांठ या किसी स्नेहीजन की स्मृति दिवस हो। नवकार ग्रुप ऐसे अवसरों पर पार्टी की जगह गोसेवा और पक्षियों का सहारा बनकर जीव दया करता है।
समय के साथ करुणा योजना को जैन सोश्यल ग्रुप नवकार के अलावा सार्वजनिक तौर पर कर दी गई है। जिसके माध्यम से ग्रुप के बाहर के सदस्य भी अपना जन्मदिन व विवाह वर्षगांठ जीवदया आकर मना सके। सबसे अच्छी बात तो यह है कि इस योजना में छह महीनों की एडवांस बुकिंग रहती है।
विदेशों से भी करुणा योजना को बहुत सहयोग प्राप्त हो रहा है।
संस्था के ग्रुप क्रमांक 464 का लक्ष्य रखकर इस योजना को 464 दिनों तक चलाने का संकल्प था। लेकिन अपार सफलता मिलने पर यह योजना निरंतर चल रही है।
करुणा योजना के अंतर्गत अनगिनत योजनाएं चालू कर दी गई है। जैसे कुत्ते को दूध पिलाना, मछलियों को आटा खिलाना, बंदर व कव्वे को रोटी, मोर को अनाज खिलाना इत्यादि।
सेवा के इस पुनीत महापर्व पर संस्था के पूर्व अध्यक्ष स्व विशाल जी छाजेड़ कि अक्सर याद आ ही जाती है
जे.एस.जी. जावरा नवकार संस्थापक अध्यक्ष: संजय आचलिया, पुर्वाध्यक्ष: नरेंद्र कांठेड़, अध्यक्ष: मनोज मेहता,उपाध्यक्ष विरेन्द्र खेमसरा, विजय ढड्ढा: मनीष पावेचा, कोषाध्यक्ष: अभिषेक बोरदिया सहसचिव राहुल बरेया, अंकित लुक्कड़, मार्गदर्शक सुभाष टुकड़ियां, धर्मेश खारीवाल एवं दिनेश भंडारी है। उक्त जानकारी सुभाष टुकड़िया ने दी ।