वाहकजनित रोग कार्यक्रम प्रगति की समीक्षा
रतलाम । रतलाम जिले में डॉ. हिमांशु जायसवार राज्य कार्यक्रम अधिकारी द्वारा जिला प्रशिक्षण केन्द्र विरियाखेडी पर राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम (मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया) की प्रगति की समीक्षा की गई । बैठक में जिला मलेरिया अधिकारी डा. प्रमोद प्रजापति ने कार्यक्रमों की प्रगति के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
डॉ. प्रजापति ने बताया कि विगत वर्षों की तुलना में रतलाम जिले में मलेरिया के मामलों में कमी आई है। बैठक में डॉ. जायसवार ने कार्यक्रम की प्रगति के प्रति संतोष व्यक्त करते हुए विकासखंड स्तरीय चिकित्सकों एवं स्टाफ को निर्देशित किया कि मौसम परिवर्तन के दौरान वाहक जनित रोगों के बढने की आशंका रहती है। इसके लिए प्रत्येक मरीज के बुखार की जॉच की जाए, एक्टिव और पेसिव दोनों प्रकार के सर्विलेंस पर ध्यान केन्द्रित करें। संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान कर सभी पूर्व तैयारियां कर ली जाए। रेपिड डायग्नोस्टिक किट के माध्यम से आशा कार्यकर्ताओं को स्लाईड बनाने का पूरा प्रशिक्षण प्रदान करें। मलेरिया पॉजिटीव केस मिलने की दशा में पाजिटीव केस के घर के 400 मीटर के क्षेत्र में रेपिड फीवर सर्वें करें तथा मरीज को प्रोटोकॉल अनुसार पूरा उपचार प्रदान किया जाए। किसी भी प्रकार का आउटब्रेक होने की स्थति से बचाव के लिए सूचना तंत्र मजबूत रखें। माईक्रोस्कोप एवं अन्य उपकरणों की कमी होने की दशा में मांग पत्र प्रस्तुत करें।
उन्होने बताया कि मलेरिया से बचाव के लिए अपने घरों के आसपास पानी इकटठा ना होने दें, घरों में कूलर तथा छत की नियमित सफाई करें, पुराने टायर आदि को हटा दें, सोते समय हमेशा मच्छरदानी का उपयोग करें। बैठक में डॉ. जी.आर. गौड ने सभी स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को नियमित क्षेत्र भ्रमण कर बुखार के रोगियों की निगरानी रखने के निर्देश दिए। एपिडेमियोलॉजिस्ट डॉ. गौरव बोरीवाल ने आईएचआईपी कार्यक्रम अंतर्गत नियमित रिपोर्टिंग करने के निर्देश दिए। डीपीएम डॉ. अजहर अली ने कहा कि जिले में मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया से बचाव संबंधी सभी अवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं एवं अन्य स्वास्थ्य कार्यक्रमों में भी प्रगति की जा रही है। बैठक में डॉ. प्रतिभा शर्मा, डॉ. शेलेष डांगे, सुश्री श्वेता बागडी, सहायक मलेरिया अधिकारी श्री एन.एस. वसुनिया तथा अन्य अधिकारी, कर्मचारी आदि उपस्थित रहे।