सहायता के साथ समझाइश भी जरूरी है

रतलाम । संकट के क्षणों में सहायता के साथ-साथ सावधानी और समझाइश भी अत्यंत आवश्यक है संकटग्रस्त लोगों को मदद देना मानवता की सेवा है और उन्हें संकट से सावधान करना समूची मानव जाति की सेवा है । क्योंकि वर्तमान समय किसी एक व्यक्ति के लिए यह संकट उत्पन्न नहीं हुआ है वरन पूरे विश्व में मनुष्य के लिए संकट पैदा हुआ है । अत: सहायता के साथ-साथ इसकी रोकथाम के लिए सावधान रहने की समझाइश भी अत्यंत आवश्यक है ।
उक्त बातें शिक्षक सांस्कृतिक संगठन द्वारा चलाए जा रहे कोरोना योद्धाओं को कीट सैनिटाइज तथा गरीबों को अनाज वितरित करते हुए विरीयाखेडी चौराहे पर पूर्व प्राचार्य शिक्षाविद ओपी मिश्रा ने व्यक्त किए इस अवसर पर साहित्यकार डॉ. मुरलीधर चांदनी वाला ने लोगों को समझाइश देते हुए उन्हें कोरोनावायरस से सावधान रहने हेतु आवश्यक सावधानी बरतने का अनुरोध किया । दिनभर में करीबन १० से १५ बार साबुन से हाथ धोने, मुंह पर मास्क लगाकर घूमने और भीड़भाड़ वाले इलाके में अनावश्यक रूप से कतई न जाने की सलाह दी । जरूरी होने पर ही घर से बाहर निकले तथा जितना हो सके अपने घर पर ही रहकर परिवार एवं स्वयं को सुरक्षित रखें । महामारी के इस दौर में सुरक्षित रहना सबसे बड़ी जिम्मेदारी है । संस्था अध्यक्ष दिनेश शर्मा ने कहा कि शिक्षक सांस्कृतिक संगठन द्वारा एक पखवाड़े में लगभग 15000 की सामग्री वितरित की जा चुकी है तथा अभी एक सप्ताह और जन उपयोगी सामग्री का वितरण संस्था द्वारा किया जावेगा । इस अवसर पर शिक्षक दिलीप वर्मा, मिथिलेश मिश्रा, नरेंद्र सिंह पंवार, रक्षा के कुमार, राधेश्याम तोगड़े, श्याम सुंदर भाटी, देवराज गेहलोत, रमेश उपाध्याय, अर्पित मेहरा, मदनलाल मेहरा, नरेंद्र सिंह राठौड़, दशरथ जोशी,अनिल जोशी आदि सदस्यों द्वारा मजदूर को सावधानी की समझाइश दी गई ।