तीर्थों की रक्षा संस्कृति संस्कार और महापुरुषों के सिद्धांतों की रक्षा करने के समान है – राष्ट्र संत कमलमुनि कमलेश

मंदसौर (जैन दिवाकर लाभ मुनि नेत्र चिकित्सालय 21 जनवरी 2023)। जब तक देश के सारे तीर्थ स्थल को सरकार पवित्र घोषित नहीं करती चाहे वह किसी भी धर्म के हो तब तक संघर्ष जारी रहेगा उक्त विचार राष्ट्र संत कमलमुनि कमलेश ने श्री सम्मेद शिखरजी तीर्थ को केंद्र सरकार द्वारा पवित्र के निर्णय का विजय दिवस के रूप में स्वागत करते कहा कि तीर्थों की रक्षा संस्कृति संस्कार और महापुरुषों के सिद्धांतों की रक्षा करने के समान है।
मुनि कमलेश प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी को बधाई संदेश भेजते हुए कहा कि हमें आशा है देश के सभी स्थल को पवित्र करके ही आप चैन की सांस लेंगे।
उन्होंने बताया कि कर्नाटक में एक मजार पर लिखा हुआ है शाकाहारी व्यक्ति यहां प्रवेश कर सकता है यह विश्व के लिए आदर्श है । राष्ट्रसंत ने कहा कि विश्व के सभी धर्मों का मूल सिद्धांत है सात्विकता सदाचार और आदर्श विचार प्राणी मात्र के साथ प्रेम सौहार्द वात्सल्य का व्यवहार।
जैन संत ने कहा कि महापुरुषों के साधना के परमाणु का निर्माण विश्व की संपूर्ण संपत्ति देकर भी नहीं किया जा सकता विज्ञान और सरकार भी निर्मित नहीं कर सकती उसे पर्यटन स्थल रुपए करने पर पवित्र वायुमंडल के परमाणु नष्ट होने का खतरा बढ़ जाता है ।
उप प्रवर्तक अरुण जी ने कहा कि हम तीर्थ की नहीं बल्कि जिसके सहारे हिंदुस्तान विश्व गुरु बना उन सिद्धांतों की रक्षा कर रहे हैं ।
अखिल भारतीय जैन दिवाकर विचार मंच नई दिल्ली महिला शाखा राष्ट्रीय महामंत्री श्रीमती शशि मारु यशोदा बाफना प्रतिनिधिमंडल ने ज्वलंत समस्याओं पर चर्चा करके विकास की रूपरेखा तैयार की सभा का संचालन दिवाकर मंच मध्य प्रदेश शाखा के अध्यक्ष श्री विजय खटोड़ ने किया।