परम्पराओं से भले ही हम अलग हो सकते पर संतो का मकसद एक है धर्म से जोडऩा – प्रवर्तक सुकनमुनिजी, अंतरराष्ट्रीय आचार्य रामदयालजी
भीलवाड़ा (सुनिल चपलोत) । मीडिया प्रभारी सुनिल चपलोत ने बताया की सोमवार को दिन मे रामद्वारा परिसर में जैन संस्कृति के प्रवर्तक सुकनमुनिजी ने अतंर्राष्ट्रीय रामस्नेही संप्रदाय आचार्य रामदयाल जी महाराज से आध्यात्मिक मुलाकात के दौरान चर्चा करते हुए कहां की परम्पराओं से भले ही हम अलग-अलग हो सकते है पर मकसद हमारा एक ही है धर्म से जोडऩा धर्म से जुडऩे पर ही इंसान जीवन से भवसागर पार कर के अपना कल्याण कर पाएगा । संतो के रास्ते अलग हो सकतें परंतु मंजिल सब की एक ही है । इस दौरान रामस्नेही संप्रदाय के संत भंडारी रामस्वरूप जी चेतनराम जी, पप्पूराम जी महाराज तथा रामद्वारा के प्रबंधक पारसमल पिपाडा ने सुकनमुनिजी को चातुर्मास की बधाई दी ।