हम हमारी सेहत को नहीं धन को ज्यादा महत्व देते है – अहिंसा तीर्थ प्रणेता राष्ट्रसंत आचार्य श्री 108 प्रमूखसागरजी महाराज

जावरा (अभय सुराणा)। आचार्य श्री के मुखारबिंद से कहा गया आचार्य पुष्पदंत स्वामी जी ने कहा कि इस लोक में कहते हैं कि आए हुए धन को बहुत महत्व देते हैं जबकि जब तक वचन ना हो जाए आश्चर्य शब्दों के महत्व से कहते हैं । इस लोक में आचार्य बहुत अच्छी बात कहते हैं कि जो मेरे जीवन को परिवर्तन करते हैं । जवानी से लेकर बुर्जुर पुरुषों को अपने जीवन से भी अधिक धन को पाना है वहीं अपनी उम्र को नहीं देखता जो लोग ब्याज से पैसा उधार देते हैं तो विचार करते हैं कि मेरा पैसा 5 साल में 2 गुना हो जाता है, 9 साल में 10 का 20 हो जाता है तो कितनी खुशी होगी । कभी यह विचार किया कि 1 साल आपके जीवन के कम हो गए बाहर की दुनिया तो बढ़ रही है पर उसके साथ सब आपकी उम्र घट रही है । आप की जितनी आयु आज है उससे कहीं गुना घट जाएगी । पहले तो लोग शुद्ध चीज खाते थे पर आजकल सब केमिकल को ही खाते हैं उम्र हमारी नहीं है फिर भी धन को देख जीते हैं । आचार्य श्री ने कहा कि हम लोग धन के लिए दिनरात काम कर रहे है परन्तु हमारी स्वास्थ्य के लिए हम थोड़ा भी समय निकालना उचित नहीं समझते यही हमारी सबसे कमजोरी है । यह गलत है हमारे हमारे जीवन में प्रतिदिन थोड़ा समय सेहत के लिए समय निकालना आवश्यक है । यहां जानकारी चातुर्मास समिति के प्रवक्ता रितेश जैन ने दी।

लघुनाटक प्रस्तुत कर दिया कोरेना सुरक्षा के संदेश
सोमवार शाम को बालक एवं बालिका द्वरा सांकृतिक आयोजन किया गया, जिसमे छोटे छोटे बच्चों द्वारा नाटक प्रस्तुत किया गया। नाटक में कोरेना सुरक्षा को लेकर भी सन्देश दिया गया की तरह आप को इस तरह से इस की सावधानी रखना है । बताया गया और भगवान पाश्र्व कुमार से पाश्र्वनाथ बनने तक की एक लघुनाटिका प्रस्तुत किया गया।