अखंडित समता का अनुभव ही पर्यूषण -श्री कल्पसूत्र

जावरा (अभय सुराणा) । अगर कही अन्याय हो रहा हो तो चुप रहना मानव के लिये उचित नही क्योकिं मानव जिव्हा वाला प्राणी है। और ऐसी स्थिती में अगर सिर्फ मीठा बोला जाय तो वह समाज के स्वास्थ के लिये ठीक वेसे ही ज़हर का काम करता है जेसे बड़ी हुई शुगर हमारे शरीर में करती है। हम् प्रतिदिन साथ रहते है,एक दूसरे के सुख दुख के साथी भी है, सामाजिक क्षेत्र में भी एक दूसरे के सहयोगी है,सभी जगह परस्पर साथ कार्य करने में भी कही एक दूसरे को कहने-सुनने में आया होगा। जैन होने के नाते जिनधर्म का अनुयायी हुँ और आठ दिनो के पर्यूषण पर्व की आराधना के अंतिम दिन संवत्सरी महापर्व पर उपवास करते हुये जिनवाणी अनुसार संवत्सरी-प्रतिक्रमण करते हुये संसार के 84 लाख प्रकार के समस्त जीवों से उनके प्रति हुये प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष अविनय के लिये क्षमा याचना करते हुये खमत-खामना किया गया। इसी कड़ी में समता-भाव के साथ आप सभी मित्रों से हुये ज्ञात-अज्ञात अविनय हेतु सविनय क्षमा मांगते हुये मिच्छामि- दुक्कड़म् खमत खामना कर जैन सोश्यल ग्रुप जावरा मैत्री परिवार के सदस्यों ने अपने-अपने कर्मो का क्षय किया गया । उक्त जानकारी देते हुए ग्रुप के संस्थापक अध्यक्ष अनिल धारीवाल एवं पुर्व अध्यक्ष संदीप रांका ने बताया की ग्रुप के सदस्यों सोशल मिडिया पर कोविड-19 के नियमों के अनुसार ग्रुप के अध्यक्ष राजीव लुक्कड, सचिव दिपक मेहता, आशीष पोखरना, शंशाक मेहता, अजय पटवा, राजेश पोखरना, मनीष पावेचा, संदीप चौरडिय़ा, आलोक बरैया, आलोक कांकरियाँ, शेलेष श्री माल, रितेश चोपड़ा, निलेश कांकरियाँ, पियुष काठेड, शरद डुंगरवाल, अंकुर जैन, विकास सियार, मयूर कोठारी, अभिषेक ओरा, सोरभ पगारीया, पियुष चौधरी, नितिन भंडारी, मनीष मेहता, मनीष पोखरना, आलोक बरैया, मनीष ओस्तवाल, अभिषेक बोरदिया, अरुण धारीवाल, संदीप श्री माल, संदीप दसेडा, पुखराज सुराणा, आशीष चत्तर, अनिष मेहता, लवेश लुक्कड, संदीप जैन, आशीष चत्तर, राहुल मेहता, राहुल ओस्तवाल, मनीष धारीवाल, अल्पेश कावडीया, अमित कोचट्टा अमित पोखरना, अंशुल मुणत, अंशुल मेहता आदि दंपती सदस्यों ने एक दुसरे से खत्म खामणा कर पर्व को उत्साह के साथ मनाया गया।