कर्म की निज्रा कर आत्मा को पवित्र बनाना ही संथारा है- सुकनमुनि जी मसा

भीलवाड़ा । अहिंसा भवन में संथारा साधिका साध्वी चरण प्रज्ञा के 14 वें पुण्य स्मृति दिवस पर प्रवर्तक सुकन मुनि जी मसा ने श्रद्धांजलि कार्यक्रम में कहा कि जीवन अंतिम लक्ष्य है। संथारा साध्वी चरण प्रज्ञा ने संथारा ग्रहण कर मानव जीवन सार्थक किया और कर्मों की निर्जरा कर आत्मा को पवित्र बनाया। 84 दिन संथारा ग्रहण करने के बाद जीवन के अंतिम लक्ष्य मृत्यु को प्राप्त कर मानव जीवन सार्थक बनाया। अमृत मुनि, महेश मुनि, मुकेश मुनि ने भी श्रद्धासुमन अर्पित किए। इस अवसर पर अहिंसा भवन के संरक्षक हेमन्त आचंलियाँ, अध्यक्ष अशोक पोखरणा, रिखबचंद पीपड़ा, पूर्व सभापति मंजू पोखरणा, महिला जैन कांफ्रेंस अध्यक्षा पुष्पा गौखरू, संजुलता बाबेल आदि पदाधिकारियों द्वारा साध्वी चरण प्रज्ञा के गुणगान कर श्रद्धांजलि अप्रित की गई।