कविताएं समाज को संदेश देने का काम करती है – अभय कोठारी

जावरा (अभय सुराणा) । काव्य गोष्ठियों के साथ ही बड़ा आयोजन होना चाहिए ताकि संस्था की सार्थकता हो ओर उसे व्यापकता मिले यह सभी के प्रयासों से ही संभव है। उपरोक्त विचार अटल ग्राम विकास सामाजिक संगठन के संस्थापक अभय कोठारी ने बसंत पंचमी के अवसर पर श्रीराम विद्या मंदिर में आयोजित काव्य गोष्ठी में व्यक्त किया । आपने कहा कि कविताएं समाज को संदेश देने का काम करती है तथा इससे समाज में व्याप्त बुराइयों एवं दूषित वातावरण को सही किया जा सकता है। आपने कहा कि वसंत ऋतु को समस्त ऋतुओं का राजा कहा जाता है। पतझड़ के बाद आम के पेड़ों पर बोरे आने लगते हैं तथा पलाश के फूल खिल उठते हैं और तब फागुन बसंत का स्वागत करता है। इस अवसर पर वरिष्ठ साहित्यकार श्री रमेश मनोहरा ने कहा की बसंत ऋतु और सरस्वती का संबंध बहुत गहरा है वसंत में श्रृंगार होता है और सरस्वती को श्रृंगार पसंद है। आपने कहा कि आज महाकवि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला का भी जन्मदिन है निराला जी स्वच्छंद लेखन के धनी थे वे ऐसे युग पुरुष रहे हैं जिन्होंने कविताओं को छंद मुक्त किया जिसकी अनेक लोगों ने आलोचना की परंतु आज छंद मुक्त कविताओं का बोलबाला निराला जी की ही देन है।
कार्यक्रम के प्रारंभ में मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन से हुआ सरस्वती वंदना श्री रतनलाल उपाध्याय रत्नेश ने प्रस्तुत की। कवि गोष्ठी में हास्य कवि विजय जैन, रतनलाल उपाध्याय रत्नेश, मनोहर सिंह मधुकर ,रमेश मनोहरा ,मोहन सैनी ने अपनी कविताएं प्रस्तुत की इस अवसर पर श्री जगदीश उपमन्यु, दिलीप त्रिवेदी ,अभय श्रीवास्तव, अमित ताम्रकार आदि में मां सरस्वती के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की कार्यक्रम का संचालन मनोहर सिंह मधुकर ने किया एवं आभार प्रदर्शन महेश शर्मा ने व्यक्त किया।