विश्व का कोई भी ग्रंथ, पंथ, संत और महापुरुष हिंसा करने की इजाजत नहीं देता है- राष्ट्रसंत कमलमुनि कमलेश

जोधपुर । छोटी-छोटी हिंसक घटनाओं के ऊपर शोर मचा कर झूठे आंसू बहाने वाले मानवाधिकार संगठन विश्व में निर्दोष के कत्लेआम पर मोन क्यों ? उक्त विचार राष्ट्र संत कमलमुनि कमलेश ने महावीर भवन निमाज की हवेली में संबोधित करते कहा कि निर्दोष लोगों के खून की होली की निंदा करने का साहस भी नहीं जुटा पा रहा है उनकी जबान को लकवा क्यों मार जाता है।
मुनि कमलेश ने कहा कि मौत के सौदागर मासूम बच्चों और माता बहनों तक को मौत के घाट उतार कर मानवता को शर्मसार कर रहे हैं । उन्होंने कहा कि जिस सुनियोजित षड्यंत्र से कायराना हमले हो रहे हैं उसको देखकर शैतान भी शर्मिंदगी महसूस कर रहा होगा । जैन संत ने स्पष्ट कहा कि विश्व का कोई भी ग्रंथ पंथ संत और महापुरुष हिंसा करने की इजाजत नहीं देता है । राष्ट्रसंत ने बताया कि धर्म की ओट में हिंसा एक अक्षम्य अपराध है इस्लाम सहित सभी धर्मों ने अमन चैन शांति और मोहब्बत को ही धर्म का प्राण बताया है । सरपंच जगन्नाथ जी डागलिया ने 13 फरवरी को राष्ट्रसंत के जन्मदिन पर हल्दीघाटी के पास नई गौशाला के उद्घाटन की विनती की महासती आशा जी महाराज साहब सहित सभी महासती जी नव वर्ष का मंगल आशीर्वाद लेने के लिए पधारे।