पर्यूषण पर्व मुक्ति की प्यास जगाने का पर्व है

पर्वधिराज पर्युषण महापर्व यह आठ दिवसीय पर्व जिसमें सात दिवस साधना के और आठवां दिवस आराधना का होता है वह आराधना है । अहंकार लोभ लालच वासना व्यसन परिग्रह की मुक्ति का इस मुक्ति को जगाएंगे और हम अपने अंतर में झांकेंगे तो हमें पता लगेगा कि हम कहां खड़े हैं वह स्वयं का बोध करें कि मैं कहां खड़ा हूं क्या मैं अभी तक जो करता आया हूं कर रहा हूं वह जीवन की यात्रा के लिए संयम को पालने के लिए सार्थक प्रयास है यह अभी तक निरर्थक करता आया हूं । छोटे बच्चे के समान हमें रहना होगा हमें ऐसे बना होगा ए का मतलब आदाब विनय वह हमारे अंदर आया तो ही हमारे भाव निर्मल होंगे हम अपनी गलतियों को स्वीकार करते हुए मुक्ति की ओर आगे बढ़ेंगे इन आठ दिवसीय पर्यूषण पर्व में तप आराधना करते हुए हमारा मन सतही निर्मल हो जाता है और हम अपने स्वयं का बोध करने लगते हैं कि हमने आज तक क्या किया क्या पाया और क्या खाया इसी पर चिंतन करने से लौकिक से लोकतंत्र की यात्रा पूर्ण कर पाएंगे यह त्यौहार नशा उतारने का है । नशा दौलत का शोहरत का घमंड का मान मर्यादा का जो की हमारे जीवन में अंत में क्या काम आएगी हमें पता नहीं। हमें समझना होगा हमें जागने की जरूरत है और यह जागरण का समय इस पर्व के माध्यम से सर्वश्रेष्ठ है ।