रतलाम । आचार्य श्री रामलालजी मसा उपाध्याय प्रवर राजेश मुनिजी मसा की माहिती कृपा से छोटूबाई की बगीची मे चल रहे चातुर्मास में शासन दीपक हेमंत मुनिजी मसा ने फरमाया कि संभाल कर चलो इतराकर नहीं यह क्षमा का पर्व है अपने भीतर जानने का पर्व है व्यक्ति पहले स्वयं का ज्ञान कर ले, हमारी हमेशा अपने स्तर पर बदलाव करने की रुचि रहती है इस प्रकार वह अभिमान में भूल जाता है कि मैं क्या हूं निरंतर बढ़ती प्रगति उसके मानस पटल पर चढ़ती हुई अंकित हो जाती है और वह संभलने की बजाय अपने विनय को भूलकर घमंड में इतराकर आगे बढ़ने लगता है अपने बड़े होने का स्वयं के ज्ञानी होने का गर्व का एहसास वह प्राय घर परिवार मे, समाज में, संगठन में ,जहां भी वह होता है अपनी वरिष्ठता बताता है इसलिए वर्ष भर में यह आठ दिन का पर्व हमारे सात दिवस साधना एवं आठवां दिन आराधना कर क्षमा मांगने का होता है क्षमा से हम दूसरों को जीतने के साथ-साथ स्वयं को भी जीत सकते हैं लौकिक से लोकोत्तर की यात्रा भी पूर्ण कर सकते हैं इसलिए हम स्वयं को जाने पर संभाल कर चले। इस अवसर पर लाघव मुनिजी मसा ने गुरु की दृष्टि का महत्व बताया।
ब्रह्म ऋषिजी म सा ने स्वयं के अनुसार कार्य करने पर सफल होने का मंत्र बताया उपरोक्त जानकारी देते हुए साधुमार्गी जैन संघ के प्रीतेश गादिया ने बताया कि सभा में लगभग 2500 से अधिक श्रावक श्रावीकाएं उपस्थित थे जिन्होंने समता शाखा शास्त्र वाचन के साथ-साथ सामायिक तप त्याग की आराधना व जिनवाणी का श्रवण किया संघ अध्यक्ष कांतिलाल छाजेड़ मंत्री अशोक पिरोदिया ने समस्त धर्मालुजनों से आवाहन किया इस आठ दिवसीय पर्युषण महापर्व में पधार कर धर्म लाभ लेवे सभा के पश्चात बालिका मंडल ने अपने भाव रखें । वह संघ के विनोद मेहता ने अभिरामम पुस्तक की जानकारी दी । सभा का संचालन मंत्री अशोक पिरोदिया ने किया।