हे गणपती दादा, आप ने तो सर्जन किया था तो हम विसर्जन क्यों कर रहे है ? – हार्दिक हुंडिया

जावरा (अभय सुराणा) । देश अंग्रेजों के हाथो में था , हम ग़ुलाम थे । देश को आज़ाद कराने हमारे देश के कई नेताओ , भारत देश के भारतवासियो को एक करने और अंग्रेजों के सामने लड़ने के लिये सभा पे सभा कर रहे थे । अंग्रेजों को ये बात का पता चला तो उन्होंने , देश की आज़ादी के लिये , हम सभी भारतवासीयों को एक होने की सभाओ पर प्रतिबंध कर दिया, तब हमारे भारत के एक महापुरुष लोकमान्य तिलकजी ने एक धर्म सभा का आयोजन किया कि गणपति दादा की पूजा करेंगे , ये बहाने सभी भारतवासियों को एक होना है । हार्दिक हुंडिया ने कहा कि हे गजानन देवा , हमारी कोई ताक़त नहीं है कि हम आप का विसर्जन करे ? आप का विसर्जन करने से पहले हमारे में जो अवगुण पड़े है वो विसर्जन करने की ताक़त दो और हम साथ साथ देवो के देव महादेव का भी धर्म समझे । हम भी गणपति दादा के परम पिता दादा शंकर महादेवा की तरह विष भी अमृत की तरह पिये ये शक्ति हमे मिले । दादा गणपति दादा की मूर्ति की मिट्टी बनाके पूजा कराने वाले लोकमान्य तिलकजी ने हम सब को एक किया , अंग्रेजों के ख़िलाफ़ लड़ने के लिये दादा गणपतिजी के नाम हम सब इकट्ठा होते थे । शुरू शुरू में तो अंग्रेजों ने भी लोकमान्यजी के गणपति दादा की पूजा पे रोक नहीं लगाई लेकिन बाद में अंग्रेजों को भी मालूम पड़ा तो लोकमान्यजी को भी जेल में डाल दिया । मैं जब पूना लोकमान्यजी घर पर गया तो वहाँ जब उनके फोटो या उनके घर पर जिस तरह से दर्शाया गया है देखके आँख में आंसू आ गये । हम आज जो हसी ख़ुशी की ज़िंदगी जी रहे है इनके पीछे ऐसे देश के कई महापुरुषों का बलिदान है , उनकी लड़ाई है , उनकी देश के प्रति अनमोल भक्ति है । लोकमान्यजी ने भी अपनी ज़िंदगी देश के नाम कर दी थी । उन्होंने दादा गणपतिजी का आशीर्वाद और सहारा लेके हम सभी को एक किया था | दादा गणपति दादा का देश को आज़ाद कराने यानी सर्जन करने में बहुत बड़ा योगदान है , कैसे उपकार भूले दादा का । हार्दिक हुंडिया का कहना है की हे महा गजानन देवा , हमे ऐसी शक्ति दो की हमारे में जो बुराइयाँ है इस समय इनका भी विसर्जन करे और एक अनमोल हिंदू राष्ट्र का सर्जन में हम सब भागीदार बने और हे दादा आपकी तरह हम भी सर्जन करे , कराये या करने में भागीदार बने । वरिष्ठ समाजसेवी हार्दिक हुंडिया ने कहा कि आप सभी पर दादा गणपति दादा की अपरंपार कृपा बरसे ये ही उच्च भावनाओं के साथ ।