झुमरीतिलैया। जैन धर्म का पवित्र पावन पर्व 10 लक्षण पर्यूषण महापर्व आज प्रथम दिन उत्तम क्षमा धर्म के रूप में मनाया गया। पूज्य आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महामुनिराज की परम शिष्या बुंदेलखंड कुंडलपुर से आई ब्रमचारिणी गुणमाला दीदी एवं चंदा दीदी के द्वारा मुख्य अभिषेक शांति धारा का पाठ कराया गया भक्त जनों ने बड़े भक्ति और उल्लास पूर्वक मंदिर विधान पूजा पाठ में भाग लिया सैकड़ो युवाओं ने केसरिया वस्त्र में भगवान पर अमृत जलाभिषेक किया ।इसके पश्चात ब्रमचारिणी गुणमाला दीदी ने अपनी अमृतमय प्रवचन में “उत्तम क्षमा धर्म” पर प्रकाश डालते हुए कहा कि क्षमा वीरो का आभूषण है, क्षमा कर्मठता का प्रतीक है यह कमजोरो कि नहीं सामर्थ्य वान की संपत्ति है सहनशील व्यक्ति ही क्षमा प्रदान कर सकते हैं धरती और वृक्ष क्षमा का प्रतीक है आप कितना ही गलती करें यह आपको हमेशा अपनी गोद में रखने का और फल देने का कार्य करते हैं, अपने जीवन को हमेशा फलदार बनाइए बलदार नहीं, अंतरंग की कलुस्ता को समाप्त करने का नाम ही क्षमा है, अपनी अच्छाइयों को हमेशा पत्थर पर लिखें बुराइयों को पानी पर लिखें, क्षमा रुपी धर्म को अंगीकार करके ही व्यक्ति मानसिक तनाव से दूर रहकर शांति को प्राप्त कर सकता है। समाज के पदाधिकारी राज जैन छाबड़ा और सुरेंद्र जैन काला 10 दिनों के इस महापर्व को ऐतिहासिक बनाने में लगे हैं।
आज प्रातः नया मंदिर पानी टंकी रोड में भगवान का प्रथम कलश एवं शांति धारा करने का सौभाग्य किशोर-प्रदीप प्रतीक जैन पांड्या परिवार को मिला डॉक्टर गली बड़ा मंदिर में मूल वेदी मे भगवान पारसनाथ का शांति धारा करने का सौभाग्य सुरेश-नरेंद्र झांझरी परिवार को मिला एवं सरस्वती भवन में भगवान की श्री विहार ओर पाण्डुक शिला पर प्रथम शांति धारा करने का सौभाग्य संजय-अजय जैन बड़जात्या परिवार एवं सुरेश-सौरभ जैन लुहाड़िया परिवार को मिला, 1008 आदिनाथ भगवान का प्रथम अभिषेक ओर शांतिधारा बिनोद-प्रदीप जैन सोगानी परिवार को प्राप्त हुआ,आज के दसलक्षण विधान के पुण्यार्जक सिद्धार्थ-अरिहंत जैन झांझरी परिवार को प्राप्त हुआ सुरेश झाझरी ने दीप प्रज्वलन किया रात्रि में भव्य आरती और सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन जैन युवक समिति एवं महिला समाज के सानिध्य में होगा। यह जानकारी जैन समाज के मीडिया प्रभारी नवीन जैन एवं राजकुमार अजमेरा ने दी ।