जावरा (अभय सुराणा)। सोमवार को प्रात: 7:00 बजे से सिद्ध चक्र मंडल विधान की पूजन प्रारंभ हुई पूजन के दौरान आचार्य श्री प्रमुख श्री सागरजी महाराज ने अपने प्रवचन में द्रव्य संग्रह के सातवें श्लोक का वर्णन करते हुए इसकी महत्ता पर विस्तृत रूप से समाज जनों को अवगत कराया। तत्पश्चात 24 नवंबर मंगलवार को आयोजित मुनि दीक्षा लेने वाले श्री परमात्मा सागरजी महाराज के मुनि बनने के पूर्व की अंतर क्रिया संपन्न हुई । पुष्पयोग समिति के प्रवक्ता रितेश जैन ने बताया कि सोमवार को दोपहर में आचार्यश्री के सानिध्य में गणधर तिलक विधान का आयोजन किया गया । जिसमें एलकजी के धर्म के माता-पिता विजय साधना ओरा एडवोकेट एवं पुष्प योग समिति के उपाध्यक्ष पुखराज सेठी द्वारा विधान पूजा संपन्न हुई । विधान के पश्चात आचार्यश्री पूरे श्रीसंघ के साथ विजय साधना पूरा एडवोकेट के बजाज खाना स्थित निवास पर पहुंचे जहां से गणमान्य नागरिकों, महिलाओं ,एवं बच्चों के साथ धर्म के माता पिता की शोभा यात्रा प्रमुख बाजारों से होकर श्री दिगंबर जैन मांगलिक भवन पहुंची जहां पर एलक श्री परमात्मसागरजी की गोद भराई का कार्यक्रम हुआ ।