नित्य उठ के सजन सतगुरु के चरण शीश झुकाना,शुद्ध प्रेम की ज्योति जलाना- जैन दिवाकर श्री चौथमल जी म सा

जावरा (अभय सुराणा) । जिस महापुरुष ने अपने जीवन में सबको प्रेम स्नेह अपनत्व प्रेम रुपी वात्सल्यलता के साथ जीवदया मानवसेवा के साथ करुणा भाव रखनें का संदेश देकर झोपड़ी से लेकर महलों तक भगवान महावीर की वाणी को पहुंचाया एवं जैन धर्म को जन धर्म बनाकर अंहिसा का अलख जगाकर कईयों के जीवन नई दिशा देकर उनको व्यसन मुक्त बनाकर उनको अंहिसा प्रेमी बनाकर जैनत्व बनाया ।
जिन जैन दिवाकर श्री चौथमल जी म सा ने अपनें संदेश में सदा नित्य उठ के सजन सतगुरु के चरण शीश झुकाना, शुद्ध प्रेम की ज्योति जलाना जैसे अपनें कई भजनों से भक्तो को संदेश दिया आज भी उनके भजन घर घर में गायें जाते हैं जैन दिवाकर जी म सा भक्त के भगवान के रुप में मानते है आप के सकुशल प्रयास से श्रमण संघ मे एकता का शंखनाद किया था जिसके परिणामस्वरूप आज श्रमण संघ वृटवृक्ष के रुप मै पूरे भारतवर्ष मै महक रहाँ है । श्री चोथमल जी म सा जी को जैन दिवाकर, भारत भुषण, जगतवल्लभ जैसी उपाधियाँ देशभर मै प्रदान कि गई । जो कि आज भी पुरे भारतवर्ष मै आज भी गुरुदेव को जैन दिवाकर जी के नाम से ही जाना जाता है पुकारा जाता है ।
साथ ही जावरा माटी के गोरव मालवरत्न ज्योतीषाचार्य उपाध्याय श्री कस्तुरचंद जी म सा ने भारत वर्ष मै भ्रमण के साथ रावलपिंडी पाकिस्तान (आजाद भारत के पुर्व) तक जन जन को धर्म कि राह मै जोड़कर स्वधर्मी भाई बहनो की सहायता के साथ मानव सेवा का सकंल्प दिया आप ज्योतीष के प्रकांड थे आपके मुँह से निकला हर वचन सिद्ध होता है जिसके कारण उपाध्याय श्री कस्तुरचंद जी म सा को ज्योतीषाचार्य, करुणा के सागर, प्राणी मात्र के मसीहा के रुप मै भी उपाधि से सम्मानित किया गया था । ऐसे महापुरुष जैन दिवाकर श्री चौथमल जी म सा की 143 वीं जन्म जयंती एवं जावरा के गोरव मालवरत्न ज्योतीषाचार्य उपाध्याय श्री कस्तुरचंद जी म सा की 115 वी दिक्षा जयंती संवत् 2077 कार्तिक सुदि 13 को पूरे भारतवर्ष में त्याग तपस्या जप तप एकासन आयंबिल सामायीक के साथ पूज्यनीय गुरुदेव मुनिंद जैन दिवाकर करो आनंद के जाप के साथ मनायी जायेगी उक्त जानकारी देते हुए अ भा जैन दिवाकर संगठन समिति के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य, जैन कांफ्रेंस युवा शाखा नईदिल्ली के राष्ट्रीय मंत्री संदीप रांका जावरा ने बताया कि पुज्य गुरुभगवंतो के स्मरण दिवस को श्रमण संघीय आचार्य डॉ शिवमुनी जी म सा, युवाचार्य श्री महेन्द्रऋषी म सा, उपाध्याय श्री मुलमुनी जी म सा, प्रवर्तक श्री विजय मुनी जी म सा, सलाहकार श्री सुरेश मुनी जी म सा, श्रमण संघीय मंत्री राष्ट्रसंत श्री कमल मुनी जी म सा, प्रवर्तनी चंदना जी म सा, उपप्रवर्तक श्री प्रदीप मुनी जी म सा ,उपप्रवर्तक श्री सुभाष मुनी जी म सा,उपप्रवर्तक श्री अरुण मुनी जी म सा, उपप्रवर्तक श्री ॠषभ मुनी जी म सा, उपप्रवर्तक श्री गौतम मुनि जी म सा उपप्रवर्तनी श्री सत्यसाधना जी म सा उपप्रवर्तनी डा सुशील जी म सा, उपप्रवर्तनी श्री शांता कुंवर जी म सा महासती श्री जय श्री जी म सा, महासती श्री कंचन कुंवर जी म सा, महासती श्री कुमुदलता जी म सा, महासती श्री संयमलता जी म सा, महासती श्री अरुण प्रभा जी म सा महासती श्री चारुप्रज्ञा जी म सा आदि श्रमण संघीय साधु संतों के सानिध्य में चार्तुमास कर रहें स्थानो पर पुज्य गुरुदेव जैन दिवाकर श्री चौथमल जी म सा की 143 वीं जन्म जयंती एवं जावरा मैत्री परिवार द्वारा के गोरव मालवरत्न उपाध्याय श्री कस्तुरचंद जी म सा कि 115 वीं दिक्षा जयंती स्मरण दिवस मनाकर उनके गुणगान करके मानव जीवन मै उनके संदेश को आत्मसार्थ करने का संकल्प लेकर मानव कल्याण के कार्य करें एवं दूसरों को भी इसके लिये प्रेरित करे ।