जावरा (अभय सुराणा)। राष्ट्रसंत 108 श्री प्रमुख सागरजी महाराज की पावन निश्रा में मुनिश्री परमार्थ सागरजी ने अपने धर्म के माता-पिता बने श्रीमती साधना विजय औरा एडवोकेट के बजाज खाना स्थित निवास पर 25 नवंबर कार्तिक शुक्ला एकादशी को सुबह 9:00 बजे जाकर प्रथम आहार चर्या का श्रीगणेश किया /कार्तिक मास की एकादशी और गणेशजी के नाम से शास्त्र सम्मत विख्यात बुधवार का दिन भीआहार चर्या का एक विचित्र संयोग जैन परंपरा मैं स्वर्णिम इतिहास कहलायेगा जब प्रथम आहार चर्या का श्रीगणेश पुत्र ने पिता के घर किया ।
आचार्य 108 श्री पुष्पवर्षा योग समिति जावरा के प्रवक्ता रितेश जैन ने बताया कि कार्तिक शुक्ला दशमी की महत्वपूर्ण तिथि पर एलक से मुनि पदवी प्राप्त श्री परमार्थ सागरजी की दीक्षा के साथ ही दिगंबर जैन मांगलिक भवन में विधानाचार्य भिंड निवासी पंडित श्री राकेश जैन एवं बीना दीदी के सानिध्य में तीसरे दिन भी सिद्धचक्र विधान का शानदार अनुष्ठान चल रहा है जिसमें धर्म अनुरागी समाजजनों का लगातार उत्साह पूर्वक सहयोग प्राप्त हो रहा है । आहार चर्या के दौरान एलक, सघस्त माताजी एवं आचार्य 108 श्री पुष्पवर्षा योग समिति जावरा के पदाधिकारी एवं समाजजन उपस्थित थे ।