रतलाम । आराधना भवन श्री संघ में हनुमान रुंडी पर चातुर्मास हेतु विराजित परम पूज्य गणिवर्य कल्याणरत्न विजय जी म. सा. ने पर्यूषण पर्व के दौरान श्रावक के 11 वार्षिक कर्तव्य बतलाएं उसमें से एक महत्वपूर्ण कर्तव्य “चेत्य परिपाटी” निकालना भी है। पूज्य गुरुदेव के प्रवचन से प्रभावित होकर सोहन बाई सुजानमल गेलड़ा, गेलड़ा ज्वेलर्स परिवार ने पूज्य गणिवर्य कल्याणरत्न विजय जी म.सा. की निश्रा में चतुर्विध संघ के साथ भव्य “चैत्य परिपाटी” का सुंदर आयोजन किया। प्रातः 6:30 बजे पूज्य गुरुदेव एवं साध्वी जी भगवंत उनके निवास स्थान पर पहुंचे, जहां गेलड़ा परिवार ने गुरुदेव की भव्य अगवानी की। बाद में उनके निवास स्थान से “चैत्य परिपाटी” चौमुखीपुल, घास बाजार होते हुए शत्रुंजय तीर्थ करमदी पहुंची। “चैत्य परिपाटी” में हाथी, अश्व, सुसज्जित बगिया, बगिया में दीक्षार्थी पूर्वी मेहता, सुमधुर बैंड एवं गुरु भगवंत के पीछे सैकड़ो की संख्या में समाजजन पैदल चलकर करमदी पहुंचे, जहां पूज्य गुरुदेव की अगवानी में सुंदर गहुली की गई। रास्ते में समाज जनों द्वारा भी गहुली की गई। करमदी तीर्थ पर पूज्य गुरुदेव के साथ सभी ने प्रभु के दर्शन व चैत्य वंदन किया गया। बाद में “चैत्य परिपाटी” लाभार्थी परिवार गेलड़ा ज्वैलर्स के कॉटेज सोहन सुजान वाटिका पहुंचकर धर्म सभा में परिवर्तित हो गई। जहां प्रारंभ में ललित चोरडिया द्वारा स्वागत उदबोधन दिया गया। परम पूज्य गुरुदेव गणिवर्य कल्याणरत्न विजय जी म. सा. ने फरमाया कि मनुष्य के पास जितनी भी समस्याएं आती है उसके मूल में उसका स्वभाव है। अगर अपने सच्चे मन से अपने स्वभाव को ठीक कर लिया तो क्रोध का नाश होगा एवं समस्याओं का अंत होगा। इस अवसर पर लाभार्थी महेंद्र गेलड़ा परिवार द्वारा 14 दिसंबर को रतलाम में दीक्षा ग्रहण कर रही कुमारी उर्वी मेहता का बहुमान किया गया। आराधना भवन ट्रस्ट बोर्ड अध्यक्ष अशोक लुनिया, उपाध्यक्ष पप्पू मुंबई वाला, सचिव हिम्मत गेलड़ा, ट्रस्टी विजय मेहता, राकेश सकलेचा, अमृत जैन, विनोद मुणत ने आराधना भवन श्री संघ की ओर से लाभार्थी महेंद्र गेलड़ा का शाल, श्रीफल व माला से बहुमान किया गया। आराधना भवन सेवा समिति, चंद्रवीर परिवार, महिला मंडल आदि का चेत्य परिपाटी समारोह को सफल बनाने में सराहनीय सहयोग रहा। अंत में अभिनव गेलड़ा द्वारा सभी का आभार व्यक्त किया गया। कार्यक्रम का संचालन अमृत जैन द्वारा किया गया।