रतलाम । प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ़ एक्सीलेंस शासकीय कला एवं विज्ञान महाविद्यालय रतलाम में तीन दिवसीय रंगा रंग एवं कला संस्कृति से परिपूर्ण युवा उत्साह कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ । कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती का पूजन एवं दीप प्रज्वलन के साथ हुआ इस अवसर पर महाविद्यालय कि छात्रा कुमारी तालेबा खान ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्राचार्य डॉ. वाय. के. मिश्र ने इस अवसर पर कहा कि युवा उत्सव विद्यार्थियों में छुपी हुई प्रतिभा को निखारने के लिए एक खुला मंच प्रदान करता है। यह कार्यक्रम विद्यार्थियों के लिए उत्साह ऊर्जा और गतिशीलता का झरना है। युवा उत्सव की सबसे महत्वपूर्ण कड़ी युवा है अतः विश्वास और पूरे जोश के साथ महोत्सव में प्रत्येक विद्या में सहभागिता कर अपने व्यक्तित्व का विकास करें और खुद को बेहतर बनाने का प्रयास करें । कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री एस एस मौर्य ने कहां की सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं में सहभागिता से युवाओं में रचनात्मकता एवं स्वाधीनती दृष्टिकोण का भाव उत्पन्न होता है। कार्यक्रम की संयोजक डॉ. इंदु कटारिया ने कार्यक्रम के रूपरेखा बताते हुए कहां की युवा उत्सव के अंतर्गत 22 विधाओं का आयोजन किया जा रहा है। महाविद्यालय स्तर पर विजेता विद्यार्थियों को जिला स्तर पर जाने का अवसर प्राप्त होगा ।जिला स्तर से संभाग स्तर और बाद में राज्य स्तर तक विद्यार्थी सहभागिता कर सकेंगे। कार्यक्रम के प्रथम दिवस एकल नृत्य, शास्त्रीय समूह नृत्य, एकांकी, एकल गायन पाश्चात्य, एकल गायन सुगम , हास्य नाटिका ,मिमिक्री आदि कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए ।
इस अवसर पर आयोजित प्रतियोगिताओं मे निर्णायक दल के रूप में डॉ. स्वाति पाठक, डॉ.भारती लुणावत, डॉ. कविता ठाकुर, डॉ. गोपाल खराड़ी , डॉ. रोहित पाटील, डॉ. श्वेता टेवानी, डॉ. अलका कुलश्रेष्ठ, डॉ हर्षवर्धन मेहसन ने अपनी भूमिका का निर्वहन किया सुगम संगीत एकल गायन कुमारी रानू बैरागी ने प्रथम, नेहा डोडियार द्वितीय एवं तृतीय स्थान पर दिव्या पवांर रही । स्किट में रीना चोपड़ा एवं समूह प्रथम स्थान पर रहे । समूह – नृत्य में दिव्या पवांर एवं समूह प्रथम स्थान पर रहे। एकल नृत्य शास्त्रीय में कुमारी दिव्या हेदरिया प्रथम स्थान पर रही । इस अवसर पर युवा समिति के सदस्य डॉ.अर्चना भट्ट , डॉ. ललिता मरमट एवं अन्य प्राध्यापक गण व काफी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित रहे । कार्यक्रम का संचालन डॉ.रविकांत मालवीय ने किया । आभार डॉ. अर्चना भट्ट ने व्यक्त किया ।