राष्ट्रसंत आचार्य श्री प्रमुखसागर जी का चातुर्मास समापन , सम्मान समारोह एवं विहार

जावरा (अभय सुराणा)। राष्ट्रसंत श्री 108 प्रमुख सागरजी महाराज का रविवार को चातुर्मास संपन्न हुआ ।? इस अवसर पर श्री दिगंबर जैन मांगलिक भवन में चातुर्मास समापन एवं सम्मान समारोह आयोजित किया गया । सम्मान समारोह के तत्काल पश्चात राष्ट्रसंत 108 श्री प्रमुख सागरजी ने अपने संघ के साथ नरसीहपुरा मंदिर एवं पिपली बाजार स्थित जैन मंदिर जाकर दर्शनकर अहिंसा तीर्थ की और बिहार किया । सम्मान समारोह की शुरुआत दिगंबर जैन समाज के वरिष्ठ समाजजनों ने दीप प्रज्वलन कर किया। मंगलाचरण महिला मंडल की प्रस्तुति “गुरुदेव हमको छोड़ क्यों जा रहे हो” से की गई /आचार्यश्री का पाद प्रक्षालन श्री 108 श्री पुष्पवर्षा योग समिति के पदाधिकारियों एवं सदस्यों ने किया । श्री चंदनबाला बालिका मंडल ने राष्ट्रसंत को शास्त्र भेंट किए । इस अवसर पर श्री 108 श्री पुष्पवर्षा समिति के अध्यक्ष महावीर मादावत, उपाध्यक्ष पुखराज सेठी ,दिगंबर जैन समाज पीपली बाजार अध्यक्ष पवन पाटनी ,दिगंबर जैन समाज नरसिंहपुरा अध्यक्ष पवन कलशधर, हुमड़ दिगंबर समाज जावरा के अध्यक्ष रितेश जैन , चातुर्मास समिति कोषाध्यक्ष हिम्मत गंगवाल, पारसनाथ महिला मंडल की अध्यक्ष श्रीमती श्वेता कोठारी, चंदनबाला बालिका मंडल की ओर से पूजा कियावत एवं प्रमुख सागर युवा मंच अध्यक्ष मयंक मादावत, चातुर्मास समिति महामंत्री विजय ओरा ने चातुर्मास के दौरान किसी भी प्रकार के अविनय, अवज्ञा एवं किसी की भावना आहत होने पर उपस्थित सभी समाजजनों से क्षमा याचना करते हुए सभी समाजजनों को इसी प्रकार भविष्य में भी सहयोग देने की अपील की । इस अवसर पर श्री सकल दिगंबर जैन समाज के समस्त पदाधिकारियों, श्री पुष्प योग वर्षा समिति के पदाधिकारियों, प्रमुख सागर युवा मंच के पदाधिकारियों, श्री पार्श्वनाथ महिला मंडल के अलावा अन्य प्रत्यक्ष एवं सहयोग करने वाले महानुभावों का प्रतीक चिन्ह, दुपट्टा, एवं प्रशस्ति पत्र प्रदानकर सम्मान किया गया । चातुर्मास के अंतिम दिन प्रवचन में राष्ट्र संत श्री प्रमुख सागरजी ने कहा कि युवाओं की भक्ति एवं उनकी शक्ति ने चातुर्मास में रंग भर दिया युवा मंच ने सारे नियमों को अंगीकृत किया । जावरा का चातुर्मास काफी सफल रहा और इसे सम्मान मिला है मुझे जावरा में घर जैसा वातावरण मिला साधु संत तो बहता पानी है वह साफ-सुथरे रहकर भक्ति का मार्ग प्रशस्त करते हैं गुरुदेव ने भी जावरा के भक्तों की भक्ति देखी निश्चित रूप से जावरा का चातुर्मास अविस्मरणीय एवं ऐतिहासिक बनकर रह गया है मुझे जीवन में जावरा का चातुर्मास इसलिए याद रहेगा कि यहां एक ऐसा अहिंसा तीर्थ का उपहार समाज को देकर जा रहा हूं यह विश्व की धरोहर है तीर्थों के इतिहास में जावरा का नाम भी शामिल रहेगा । आश्चर्य की बात नहीं कि मैं जावरा के भक्तों की आत्मीयता एवं सह्रदयता से अभिभूत होकर पुन: जावरा ना आ सकू । कार्यक्रम का संचालन श्री पुष्पवर्षा योग समिति के महामंत्री विजय औरा एडवोकेट ने किया । अंत में श्री हुमड दिगंबर जैन समाज के अध्यक्ष एवं प्रवक्ता रितेश जैन ने आभार माना । आचार्य श्री प्रमुखसागर जी ने सम्मान समारोह के पूर्व दोपहर करीब 1:30 बजेअनेक श्रावको के निवास पर जाकर उन्हें आशीर्वाद प्रदान किए ।