शांति घर में खो गई और बाहर ढूंढ रहे हो- आचार्य श्री विजय कुलबोधि सूरीश्वरीजी म.सा.

‘‘पॉवर ऑफ पीस’’ विषय पर रविवारीय युवा शिविर संपन्न

रतलाम। मोहन टाकीज में ‘‘पॉवर ऑफ पीस’’ विषय पर हुए रविवारीय युवा शिविर में आचार्य श्री विजय कुलबोधि सूरीश्वरजी म.सा. ने जीवन में शांति का महत्व बताया। उन्होंने कहा शांति घर में खो जाती है और उसे बाहर खोजा जा रहा है। जीवन में यदि शांति नहीं रहे, तो आनंद नहीं मिलता।
आचार्यश्री की निश्रा में शिविर का लाभ लेने हेतु 15 वर्ष से अधिक आयु के कई समाजजन उपस्थित रहे। शिविर के मुख्य लाभार्थी हीरालाल श्रैणिक कुमार शर्राफ रहेे। उनका देवसुर तपागच्छ चारथुई जैन श्रीसंघ और ऋषभदेवजी केसरीमलजी जैन श्वेताम्बर पेढी की और बहुमान किया गया। शिविर का शुभारंभ परमात्मा के शक्रस्तव अभिषेक से हुआ। आचार्यश्री ने इस मौके पर कथा सुनाते हुए कहा कि एक बुजुर्ग महिला की सुई खो गई, तो वह उसे बाहर ढूंढने चली गई। एक व्यक्ति ने जब उसे पूछा कि क्या खो गया? जो ढूंढ रही हो, तो उसने बताया कि घर में सुई खो गई है। व्यक्ति ने कहा घर में ढूंढों तो बोली, वहां अंधेरा है, इसलिए यहां खोज रही है। मानव जीवन में भी यही हो रहा है। हमारी शांति घर में खो जाती है और हम उसे बाहर ढूंढते है।
आचार्यश्री ने शांति से रहने की प्रेरणा देते हुए पांच सूत्र बताए। उन्हांेने कहा कि हर व्यक्ति को ‘‘लीव विथ फ्रीनेस’’,‘‘लीव विथ इजीनेस’’,‘‘लीव विथ अवेरनेस’’,‘‘लीव विथ पाजीटीव नेस’’ और ‘‘लीव विथ हेप्पी नेस’’ का पालन करना चाहिए। फ्रीनेस से तात्पर्य यदि शिक्षा की डिग्री मिल जाए, तो लोड मत लो और आनंद में रहो। इजीनेस से तात्पर्य परिस्थितियां कैसी भी हो, सभी में भगवान श्रीराम की तरह सहज रहो। राम को पिता ने अचानक वन जाने को कहा और उन्होंने उसे सहजता से स्वीकार कर लिया था।
आचार्यश्री ने कहा कि अवेरनेस मतलब जीवन में हमेशा जागृत रहे और कभी ये नहीं भूले की जो जागत है, वहीं पावत है। जो सोवत है, वह खोवत है। उन्होंने कहा शांति के लिए पाजीटिव अर्थात सकारात्मकता भी बहुत आवश्यक है। हर परिस्थिति में बी-पाजीटिव रहो, तो शांति कहीं नहीं जाएगी। इसी प्रकार हेप्पीनेस अर्थात खुश रहना भी शांति का परिचायक है। यदि पैसा और प्रसन्नता में किसी को चुनना पडे, तो प्रसन्नता को चुनो। पैसा तो आएगा और जाएगा, लेकिन प्रसन्नता चली गई, तो फिर नहीं आएगी।
आचार्य श्री ने शिविर के बाद दोपहर में सेठ जी का बाजार स्थित आगमोद्धारक भवन से चेन्नई में होने वाले आगामी चातुर्मास के लिए विहार किया। नगर के प्रमुख मार्गों से होकर वे टीआईटी रोड स्थित सिद्धार्थ कुमार-भरत कुमार शाह के निवास पहुंचे। यहा से 6 जनवरी को सुबह उनका विहार होगा।

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