त्रिवेणी तट को जनसहयोग से शहर के एक धार्मिक पर्यटन दर्शनीय स्थल के रूप में विकसित और स्थापित किया जाए

रतलाम। विगत जनवरी माह में संपन्न हुए 71 में महारूद्र यज्ञ में धार्मिक अनुष्ठान मे अपना समर्पित सहयोग प्रदान करने वाले आचार्य भूदेवों व आर्शिवाद दाता संत महात्माओं के प्रति आभार एवं सम्मान प्रकट करने के लिए आज श्री सनातन धर्म सभा एवं महारूद्र यज्ञ समिति की एक सम्मेलन स्वरूप बैठक आयोजित हुई। यज्ञ के यज्ञमानगण एवं कार्यक्रम की सफलता मे सहयोग देने वाले विभिन्न कार्यकर्ताओं एवं प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष सहयोगियों के प्रति उपस्थित सदस्यों ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
इस अवसर पर संबोधित करते हुए श्री सनातन धर्म सभा एवं महारूद्र यज्ञ समिति अध्यक्ष अनिल झालानी ने सभा की विगत गतिविधियों तथा आगामी नवीन योजनाओं पर विस्तृत प्रकाश डाला। आपने बताया की सनातन धर्म सभा से शहर के विभिन्न सामाजिक संगठनों को जोड़ने की जो पहल की उसकी सकारात्मक प्रतिक्रिया में बड़ी संख्या में यज्ञायोजन की आरती में उपस्थिति से प्रदर्शित की। जिससे हमें और अधिक कार्य करने की उत्साहजनक प्रेरणा प्राप्त हुई है। इस वर्ष आयोजित कार्यक्रम में विशाल उपस्थिति ने सनातन धर्म सभा द्वारा आयोजित महारुद्र यज्ञ को और अधिक विस्तृत रूप प्रदान करने के प्रति ऊर्जा प्रदान की है , और यह सभी सहयोगियों के परस्पर सहयोग निष्ठा और समर्पण से ही संभव हो सका है।
आपे कहा कि समाजों के जुड़ाव का कार्य अभी अधुरा रहा है। इसे और आगे बढ़ाया जा रहा है। जिसमें सदस्यों का सहयोग वांछित है। श्री झालानी ने सनातन धर्म सभा की विभिन्न गतिविधियों पर विस्तार से बताया की आने वाले समय में हम इस योजना पर कार्य करने पर विचार कर रहे हैं की त्रिवेणी तट को जन सहयोग से शहर के एक धार्मिक पर्यटन दर्शनीय स्थल के रूप में विकसित और स्थापित करें। बैठक मे सदस्यों के बीच त्रिवेणी परिसर का सर्वे प्लावन प्रस्तुत करते हुए आपने यह भावना व्यक्त की। त्रिवेणी तट और महारूद्र यज्ञ का आयोजन तथा रतलाम के सनातन समाज की यह जो एकता व धार्मिक प्रतीक की पहचान है, उसे स्थायित्व प्रदान करने की दिशा मे प्रयास किया जा रहा है।
आपने सनातन धर्म के मंदिरों व धार्मिक संपत्तियों की दुर्दशा उनके प्रबंधन तथा शासकीय नियंत्रण व वहां की आय से अर्जित धन के सदुपयोग व देवस्थानों के सुधार व विकास की योजना बनाने के लिए एक उप समिति गठित करने की जानकारी दी। सनातनी घर परिवारों को जोड़ने एवं युवाओं मे संस्कार विकसित करने मैं सहभागिता अर्जित करने उद्देश्य से आपने पूजा पाठी पुजारी कर्मकाण्डी, पण्डित व ज्योतिषियों आदि की एक बैठक आगामी दिनों में आयोजित करने की जानकारी दी।
श्री झालानी ने सदस्यों से अभी से ही आगामी 72 वे महारुद्र यज्ञ की तैयारी के लिए जुट जाने का आह्वान किया।
बैठक में पूर्व अध्यक्ष एवं पूर्व विधायक कोमल सिंह राठौड़ ने विगत 70 वर्ष की सनातन धर्म की इस महारुद्र यज्ञ की आवश्यकता, कारण व इतिहास पर प्रकाश डाला। वरिष्ठ सदस्य रमेशचन्द्र व्यास ने बैठक में यज्ञ आयोजन की भूमिका बताते हुए आशा व्यक्त की कि सनातन धर्म सभा द्वारा उच्च न्यायालय में याचिका प्रस्तुत कर श्री सनातन धर्म सभा को वहां चौमुखा महादेव की स्थापना के चल रहे प्रकरण में पक्षकार बनाने का अवसर प्राप्त होगा।
बैठक को संबोधित करते हुए श्री बद्रीनारायण सेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष डॉ. राजेंद्र शर्मा ने आगामी 24 अप्रैल से श्री डोंगरे जी महाराज की प्रतिमा अनावरण के उपलक्ष्य मे श्री उत्तम स्वामी जी के मुखारविंद से होने जा रही श्रीमद् भागवत कथा की तैयारी की जानकारी देते हुए सदस्यों से इसमें सहयोग प्रदान करने और ऐतिहासिक रूप से इस कार्यक्रम को सफल बनाने का आह्वान किया। बैठक में सदस्यों ने अपनी राय रखते हुए समिति मे ऊर्जावान साथियों को जोड़ने और अधिक सक्रिय करने की आवश्यकता जताई। इस अवसर पर वरिष्ठ सदस्य रामचंद्र शर्मा एवं मनोहर पोरवाल ने भी संबोधित किया।
बैठक में पूर्व अध्यक्ष कन्हैयालाल मौर्य, श्रीमती तारा बहन सोनी, श्रीमती राखी व्यास, लालचंद टांक सहित बड़ी संख्या में आयोजन समिति के सदस्यगण उपस्थित थे। नवनीत सोनी ने आभार व्यक्त किया।