तालाबों की जल राशि का सदुपयोग हो पेयजल को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए-सांसद श्री डामोर

जिला जल उपयोगिता समिति की बैठक संपन्न

रतलाम । जिला जल उपयोगिता समिति की बैठक गत दिवस संपन्न हुई। सांसद श्री गुमानसिंह डामोर की अध्यक्षता में आयोजित उक्त बैठक में जल संसाधन विभाग के तालाबों में उपलब्ध जल राशि की जानकारी उपलब्ध कराई गई। सांसद श्री डामोर ने निर्देश दिए कि तालाबों की राशि का सदुपयोग हो, पेयजल को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए। बैठक में विधायक शहर श्री चैतन्य काश्यप, विधायक जावरा डॉ. राजेंद्र पांडे, विधायक रतलाम ग्रामीण श्री दिलीप मकवाना, श्री राजेंद्रसिंह लुनेरा, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री परमेश मईडा, पूर्व विधायक श्रीमती संगीता चारेल, कलेक्टर श्री गोपालचंद्र डाड, सीईओ जिला पंचायत श्री संदीप केरकेट्टा, जल संसाधन विभाग के कार्यपालन यंत्री श्री आर.के. मालवीय आदि उपस्थित थे।
बैठक में सांसद श्री डामोर तथा विधायक श्री काश्यप ने निर्देश दिए कि कनेरी डैम में उपलब्ध जल राशि में से औद्योगिक क्षेत्र को जलापूर्ति के लिए मात्रा सुनिश्चित की जाए। बताया गया कि 10 एमसीएम पानी औद्योगिक क्षेत्र रतलाम के लिए आरक्षित रहेगा। विधायक जावरा डॉ. पांडे ने निर्देश दिए कि जावरा क्षेत्र के रूपनिया खाल जलाशय से मंदसौर जिले को जल आपूर्ति नहीं की जाए क्योंकि जावरा तथा पिपलोदा क्षेत्र में पानी की अत्यधिक आवश्यकता है। इस संबंध में जल उपयोगिता समिति द्वारा प्रस्ताव राज्य कंट्रोल बोर्ड को प्रेषित करने के निर्देश कार्यपालन यंत्री को दिए गए। सांसद श्री डामोर ने जावरा में पेयजल आपूर्ति के लिए ठोस कार्य योजना बनाकर प्रस्ताव शासन को भेजने के निर्देश कार्यपालन यंत्री श्री मालवीय को दिए। इसके साथ ही मलेनी नदी पर बैराज निर्माण की सुदृढ़ योजना तैयार करने के भी निर्देश दिए गए।
बताया गया कि वर्ष 2020-21 में जलभराव की स्थिति के अनुसार धोलावाड़ सरोज सरोवर मध्यम जलाशय से 5600 हेक्टेयर तथा लघु जलाशयों से 26909 हेक्टेयर, इस प्रकार कुल 32509 हेक्टेयर में रवि सिंचाई प्रस्तावित है। बताया गया कि नगर परिषद सैलाना को गोवर्धन सागर जलाशय से प्रदाय पानी की बकाया राशि तीन लाख 11 हजार रूपए के विरुद्ध नगर परिषद सैलाना ने इस वर्ष कुछ भी राशि जमा नहीं कराई है। नगर परिषद सैलाना की मांग अनुसार गोवर्धन सागर एवं शिकार वाली तालाब क्रमांक 2 से 0.23 एमसीएम पानी पेयजल के लिए आरक्षित रखा जाना है।
बैठक में बताया गया कि जिले में एक मध्यम सिंचाई योजना तथा 119 लघु सिंचाई योजनाएं निर्मित है। इसके अलावा एक निर्माणाधीन योजना से भी सिंचाई प्रस्तावित है। जिले की मध्यम सिंचाई योजना से 1399 हेक्टेयर में खरीफ तथा 5121 हेक्टेयर में रवि फसलों में सिंचाई की क्षमता उपलब्ध है। गत 25 सितंबर की स्थिति में सरोज सरोवर धोलावाड़ मध्यम जलाशय शत-प्रतिशत भरा है। इसके अलावा 107 लघु जलाशयों में से 87 जलाशय शत-प्रतिशत तीन जलाशय 75 प्रतिशत से ऊपर तीन जलाशय 50 प्रतिशत से ऊपर सात जलाशय 25 प्रतिशत से ऊपर 5 जलाशय 25 प्रतिशत से कम तथा दो जलाशय निम्न जलस्तर से कम भरे हुए हैं। साथ ही सिंचाई नहीं की जा सकने वाली 13 योजनाओं में से 8 उदवहन सिंचाई योजनाएं जो की पूर्णता बंद है। विद्युत यांत्रिकी विभाग को हस्तांतरित कर दी गई है। 3 योजनाओं के बेसिन पोरस होने से सिंचाई के समय तक तालाब खाली हो जाते हैं। धोलावाड़ से नगर निगम को पूरे वर्ष 17.80 एमसीएम पानी रतलाम शहर को पेयजल के लिए प्रदान किया जाता है जिसकी कुल बकाया राशि 1 अप्रैल 2020 की स्थिति में लगभग 89.30 लॉख रुपए लेना शेष है जिसके विरुद्ध नगर निगम द्वारा सितंबर तक मात्र 17.09 लाख रूपए ही जमा करवाए गए हैं। धोलावाड़ जलाशय से नगर निगम द्वारा दो स्थानों पर पंप हाउस एवं नवीन जैकवेल से पेयजल प्राप्त किया जाता है। जलाशय में 385 मीटर पर जलस्तर आने के बाद जैकवेल एवं इंटेकवेल में पानी नहीं पहुंचता है जिससे जल प्रदाय कार्य में बाधा उत्पन्न होती है जबकि जलाशय में पर्याप्त पानी उपलब्ध रहता है। इसलिए ग्रीष्म में पेयजल प्रदाय में समस्या निदान के लिए अभी से कार्य योजना निश्चित कर लेना उचित होगा। इसके लिए फ्लोटिंग पंप की व्यवस्था नगर निगम को अग्रिम रूप से कर ली जाना चाहिए।