चित्र और चित्रण में अंतर को समझना ही कला – श्री भौमिक

जी. डी. अंकलेसरिया स्मृति व्याख्यान में सुप्रसिद्ध चित्रकार ने कहा

रतलाम। प्रत्येक चित्र को देखने से पहले उसके पीछे की रचना प्रक्रिया को समझना ज़रूरी है। चित्र और चित्रण में अंतर होता है । इस अंतर को समझना ही कला की सही समझ है । साहित्य की अन्य विधाओं से चित्रकला इसी मायने में अलग है कि उसे समझने के लिए एक दर्शक को अपनी अंतर्दृष्टि का विकास करना ज़रूरी होता है ।
उक्त विचार देश के सुप्रसिद्ध चित्रकार, कथाकार श्री अशोक भौमिक (नई दिल्ली) ने जी.डी. अंकलेसरिया स्मृति व्याख्यान में “साहित्य तथा चित्रकला” विषय पर उद्बोधन देते हुए व्यक्त किए । रोटरी क्लब रतलाम एवं रोटेरियन जी.डी. अंकलेसरिया रोटरी हॉल ट्रस्ट द्वारा आयोजित व्याख्यान सभा में श्री भौमिक ने कहा कि हमारी प्राचीन चित्रकला और वर्तमान चित्रकला में काफी अंतर है। 1940 के पहले की चित्रकला प्रमुख रूप से शासकों या हमारे पौराणिक आख्यानों पर आधारित हुआ करती थी। रविंद्र नाथ टैगोर और अमृता शेरगिल ने इस धारा को बदला और वहीं से चित्रकला में आमजन का जुड़ाव होता गया। चित्रकला का यह स्वरूप अब और विस्तृत रूप में हमारे सामने है । उन्होंने कहा कि प्रत्येक चित्र अपनी कहानी खुद कहता है इसीलिए किसी चित्र को समझने से पहले किसी कहानी को अपने मन में मत बसाइए । चित्र अपने आप में सब कुछ कहने में सक्षम होता है । श्री भौमिक ने प्राचीन और वर्तमान चित्रकला के अंतर को विजुअल माध्यम से भी प्रदर्शित किया ।
प्रारंभ में अतिथि श्री भौमिक का स्वागत श्री गुस्ताद अंकलेसरिया , मुकेश जैन ने किया। देवास और इंदौर से आए सेंड स्टोन कलाकारों का स्वागत रोटेरियन मितेश गादिया, अनंत चोपडा ने किया। रोटरी प्रार्थना रोटेरियन राजेंद्र चौधरी ने प्रस्तुत की। अतिथि परिचय रोटेरियन मितेश गादिया ने दिया।
लाइफ स्केच प्रदर्शित
समारोह में जी.डी.अंकलेसरिया के जीवन पर आधारित वीडियो लाइफ स्केच प्रदर्शित किया गया। लगन शर्मा द्वारा प्रस्तुत इस फिल्म में संवाद एवं स्वर आशीष दशोत्तर का था। इस फिल्म में रोटरी क्लब भवन की शुरुआत के लिए जी.डी.अंकलेसरिया द्वारा किए गए प्रयासों को ऐतिहासिक तथ्यों के साथ बताया गया।
प्रतिभाओं का सम्मान
शहर के युवा कलाकार इष्ट दशोत्तर ने श्री भौमिक का पोर्ट्रेट बनाकर भेंट किया। खेल प्रतिभा नन्ही स्केटर रूही सोनी का सम्मान रोटेरियन अशोक तांतेड़ ने किया। श्री भौमिक को स्मृति चिन्ह रोटेरियन गुस्ताद अंकलेसरिया, रोटरी क्लब अध्यक्ष प्रकाश सेठिया ने प्रदान किया। संचालन रोटेरियन दीपक पंत ने किया तथा आभार रोटेरियन अनुराग लोखंडे ने व्यक्त किया। कार्यक्रम में शहर के साहित्य प्रेमी प्रो.रतन चौहान , डॉ.प्रदीप सिंह राव, ओमप्रकाश मिश्र, डॉ.अभय पाठक, पद्माकर पागे, सिद्दीक़ रतलामी, रणजीत सिंह राठौर, कीर्ति शर्मा, श्री राम दिवे, प्रकाश हेमावत, कला साधक, सुनें सुनाएं के साथी,रोटरी परिवार के सदस्य मौजूद थे।