पावागढ़ में जैन प्रतिमाओं को तोड़ने की अ.भा. जैन पत्रकार संघ ने की कड़ी निंदा, कार्यवाही की मांग

रतलाम। गुजरात के पावागढ पर्वत में वहां के असामाजिक तत्वों ने जैन भगवानों की प्राचीन प्रतिमाएं को तोड़कर कचरे में फेंक दिया ।जो घोर निंदनीय कृत्य है। जिसकी अ भा जैन पत्रकार संघ मध्य प्रदेश ने कड़े शब्दो मे निंदा की है।
जारी प्रेस विज्ञप्ति में संघ के संस्थापक अध्यक्ष संजय लोढ़ा, संरक्षक हिम्मत मेहता,ऋतुराज बुडावनवाला,अध्यक्ष संदीप डाकोलिया,महासचिव शिरीष सकलेचा, सचिव संदीप जैन , मयंक बाफना,वरिष्ठ सलाहकार जवाहर डोसी,राजेश नाहर, उपाध्यक्ष अनिल नाहर,पंकज पटवा,सयुक्त सचिव अरुण बुरड़,संगठन सचिव विमल कटारिया आदि ने बताया कि पावागढ़ को घटना एक सोची समझी साजिश है।यह सब वहां से जैनों के अस्तित्व मिटाने के लिए किया गया है।पावागढ में 2200 वर्ष प्राचीन जिनालय है और हज़ारों वर्षों का स्वर्णिम इतिहास है। इस घटना से जैन समाज आहत है। आरोपियों को जल्द पकडा जाकर सख्त कारवाई हो एवम सारी प्रतिमाएं फिर से वहां रिस्टोर की जाए ।
जैन पत्रकार संघ के पदाधिकारियों ने कहा कि जैन समाज एक अहिंसक समाज है। जो शांति का पक्षधर रहा है। वह अहिंसक जरूर है लेकिन कायर नहीं। आए दिन जिन मंदिरों की प्रतिमाओं को खंडित करना दुखद है। देश की सरकार व राज्य सरकारों को जैन तीर्थो की सुरक्षा का ध्यान रखना चाहिए। महासचिव शिरीष सकलेचा ने बताया कि यदि इस मामले में ठोस कार्यवाही नहीं की गई तो प्रदेश अध्यक्ष संदीप डाकोलिया के नेतृत्व में शांतिपूर्ण तरीके से विरोध स्वरूप ज्ञापन देकर विरोध प्रदर्शन किया जायेगा।
संघ ने विहार के दौरान साधु संतो के साथ आए दिन होने वाली दुर्घटनाओं पर भी चिंता जताई है।इस विषय पर भी सरकार का ध्यान आकर्षित किया है। संघ के प्रचार सचिव नेमीचंद कावड़िया, गौरव दुग्गड, प्रदीप जैन,प्रदेश कार्यकारणी सदस्य विशाल बागमार,मनोज भंडारी,राजेंद्र सकलेचा, रतलाम जिला अध्यक्ष सुनील चोपड़ा , रजत सांड आदि सदस्यों ने भी पावागढ़ में मूर्तियों को खंडित करने वाले असामाजिक तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करने की मांग की हैं।