झुमरीतिलैया 9 सितम्बर । श्री दिगंबर जैन मंदिर में दशलक्षण महापर्व के आज 9 सितम्बर द्वितीय उत्तम मार्दव धर्म*के रूप में मनाया गया। जिसमें कुंडलपुर से आई पूज्य आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महामुनिराज की परम शिष्या गुणमाला दीदी ओर चंदा दीदी के सान्निध्य एवम नेतृत्व में भव्यातिभव्य श्री जी की आराधना के साथ आज प्रातः नया मंदिर जी मे प्रथम अभिषेक एवम शांतिधारा बिमल-विकाश सेठी एवम बड़ा मंदिर जी के मूल वेदी में प्रथम अभिषेक ओर शांतिधारा राकेश-आदित्य जैन छाबडा ओर 1008 चन्द्रप्रभु भगवान का श्री विहार ओर पाण्डुकशिला पर प्रथम अभिषेक ओर शांतिधारा अनिल-सिद्धार्थ जैन ठोल्या ओर दूसरी वेदी पर 1008 आदिनाथ भगवान की वेदी में प्रथम अभिषेक ओर शांतिधारा सुरेन्द-सौरभ जैन काला के परिवार को सौभाग्य मिला। इसी के साथ पुण्यार्जक परिवारों ललित-नीलम जैन सेठी की ओर से विभिन्न धार्मिक क्रियाओं को संपादित करते हुए अभूतपूर्व उत्साह के साथ विधान की पूजन करते हुवे श्री जी के चरणों मे अर्घ समर्पित किया। इसके बाद दीदी ने आज मार्दव धर्म पर प्रकाश डालते हुवे बताया कि जिस प्रकार बंजर भूमि या कंक्रीट भूमि में बीज बोने से फसल नही होता उसी प्रकार अगर मन मे अहंकार है तो उनका जीवन बेकार है । इसके बाद समाज के सभी पदाधिकारी के साथ समाज के सेकड़ो लोग कार्यक्रम में शामिल हुवे ।संध्या में भब्य आरती के साथ णमोकार चालीसा का पाठ ,दीदी द्वारा दस धर्मो का विवेचन हो रहा है इसके पश्चात सांस्कतिक कार्यक्रम में प्रथम दिन धार्मिक तम्बोला का कार्यक्रम हुवा। उक्त जानकारी नविन जैन,राज कुमार जैन अजमेरा ने दी।