इस बार तुमने सिद्धि तप किया है अगली बार मास क्षमण करना- साध्वी श्री अनंत गुणा श्री जी म.सा.

भव्य सिद्धि तप पारणा महोत्सव संपन्न

रतलाम 9 सितंबर । सौ.वृ.त. श्री राजेंद्र सूरि त्रिस्तुतिक जैन श्वेतांबर श्री संघ एवं चातुर्मास समिति द्वारा नीम वाला उपाश्रय खेरादी वास में रतलाम नंदन प. पू .श्री 1008 जैन मंदिर के प्रेरणादाता, राष्ट्र संत कोकण केसरी गच्छाधिपति आचार्य देवेश श्रीमद् विजय लेखेन्द्र सुरिश्वर जी म.सा. की आज्ञानुवर्ती एवं मालवमणि पूज्य साध्वी जी श्री स्वयं प्रभाश्री जी म.सा. की सुशिष्य रतलाम कुल दीपिका शासन ज्योति साध्वी जी श्री अनंत गुणा श्रीजी म.सा,श्री अक्षयगुणा श्रीजी म.सा. श्री समकित गुणा श्री जी म.सा. श्री भावित गुणा श्री जी म.सा. उपाश्रय में विराजे हैं जिनका चातुर्मास में नित्य प्रवचन चल रहे हैं।
इसी तारतम्य में आज सोमवार को सुबह 9:00 बजे खेरादीवास स्थित नीम वाले उपाश्रय से सिद्धि तप के साधकों का वरघोडा निकल गया। जिसमें हाथी घोड़े ऊंट और बग्गिया रही। सबसे आगे हाथी रहा उसके बाद घोड़े पर विराजित धर्म ध्वजा हाथ में लेकर बैठें। साथ ही प्रताप नगर का बैंड तथा 20 तपस्वियों की बग्गियां रही। जो खेरादीवास स्थित नीम वाले उपाश्रय से प्रारंभ हुआ डालू मोदी चौराहा, बजाज खाना, चौमुखी पुल, फूल मंडी रोड होते हुए सेठिया मैरिज गार्डन पहुंची। 24 सिद्धि तप के तपस्वी का बहुमान किया गया।
साध्वी श्री अनंत गुणा श्री जी ने अपने प्रवचन में कहा कि जैसे मिट्टी को तपने से घड़ा बन जाता है सोने को तपने से स्वर्ण बन जाता है इस तरह तप करने से आत्मा निर्मल होकर पवित्र बन जाती है। ज्ञानीजन कहते हैं महीने में जो उपवास करता है वह बीमार नहीं पड़ता। 24 आत्माओं ने तपस्या कर अपनी आत्मा को तपाया है तप जप जो साथ में कर लेता है उसकी आत्मा निर्मल शुध्द बन जाती है यह सिद्ध तप 37 दिन की साधना होती है। 37 दिन में 7 दिन भोजन मिलता है बाकी समय उपवास रहता है। अभी सिद्धि तप में सभी तपस्वियों ने तप अच्छे से करके समता रखी है। जितने ने भी आज साधना तपस्या की है उन्हें सफलता जरूर मिली है। सुबह जल्दी उठकर पारणा किया जाता है। तप की अनुमोदन सभी को करनी चाहिए और मैं आशीर्वाद देती हूं कि इस बार आप लोगों ने सिद्ध तफ किया है अगली बार मासक्षमण करना। सिद्धि तप के माध्यम से हमारा चातुर्मास सफल हुआ है और सभी को खूब-खूब आशीर्वाद है इनका जीवन सफल रहे साथ ही परिषद एवं परिवार जनों ने जिन्होंने भी साधना आराधना में किसी भी प्रकार से सहयोग कराए उनको भी आशीर्वाद। परिषद वालों ने खूब अच्छी तरह से कार्य किया है और इसी तरह से कार्य करते रहोगे तो समाज एकजुट हो जाएगा। उक्त विचार सेठिया गार्डन में रखें तत्पश्चात पारणे की क्रिया संपन्न की गई। बहुमान लाभार्थी परिवार द्वारा संपन्न किया जाएगा। सौ. वृ.त. त्रीस्तुतिक जैन श्री संघ एवं राज अनंत चातुर्मास समिति, रतलाम के तत्वाधान में बड़ी संख्या में श्रावक श्राविकाए, समाजजन व तपस्वी उपस्थित थे।