सिविल सर्जन डॉ. सागर के कार्यकाल में जिला चिकित्सालय के नाम एक और उपलब्धि

  • एमबीबीएस के बाद मेडिकल कॉलेज की तर्ज पर अब जिला चिकित्सालय में नेत्र रोग विशेषज्ञ के डिप्लोमा करने की सुविधा उपलब्ध
  • डॉ. सागर द्वारा ग्लूकोमा सर्जरी शुरू करने के कारण 2 सीटे बढ़ी

रतलाम 12 अप्रैल । जिला चिकित्सालय रतलाम के लिए एक बड़ी खुशखबरी आई है। जिला चिकित्सालय रतलाम में अब मेडिकल का कोर्स एमबीबीएस के बाद नेत्र रोग विषय में पीजी डिप्लोमा कोर्स की पढ़ाई के लिए दो सीट स्वीकृत हुई है।
नोडल अधिकारी डॉ. बी.एल. तापड़िया ने बताया कि जिला चिकित्सालय में डीएनबीई अंतर्गत नेत्र रोग विषय में विशेषज्ञता हासिल करने के लिए डिप्लोमा कोर्स की सीट बढ़ाने के लिए दल द्वारा निरीक्षण किया गया था, किंतु निरीक्षण के दौरान जिला चिकित्सालय में नेत्र रोग की ग्लूकोमा सर्जरी सुविधा नहीं होने के कारण सीट बढ़ाने का प्रस्ताव निरस्त कर दिया गया था। जब यह बात सिविल सर्जन डॉ. एम.एस. सागर के संज्ञान में आई तो जिला चिकित्सालय में डॉ. सागर ने स्वयं ग्लूकोमा की सर्जरी करने की कमान अपने हाथ में ले ली और ग्लूकोमा जिसे काला पानी भी कहते हैं, के ऑपरेशन आरंभ कर दिए, इसके बाद निरीक्षण दल को पुनः बुलाया गया।
जिला चिकित्सालय में पुनः निरीक्षण करने के उपरांत जिला चिकित्सालय में डीएनबीई कोर्स अंतर्गत नेत्र रोग विशेषज्ञ डिप्लोमा कोर्स करने की स्वीकृति दे दी गई यह पता लगाए ही पूरे अस्पताल में हर्ष की लहर दौड़ गई और लोग एक दूसरे को बधाई देने का तांता लग गया। जिला चिकित्सालय में निरंतर स्वास्थ्य और चिकित्सा सेवाओं में सुधार के कारण एमबीबीएस करने के उपरांत विशेषज्ञ आधारित डिप्लोमा कोर्स का संचालन किया जा रहा है। इस कोर्स के अंतर्गत डीएनबीई की दो सीट एनेस्थीसिया विभाग में उपलब्ध है। एनेस्थीसिया विभाग का अध्यापन कार्य एनेस्थीसिया विशेषज्ञ डॉक्टर महेश मौर्य द्वारा किया जा रहा है। 2 सीट गायनेकोलॉजी अर्थात प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ विभाग में स्वीकृत है, इसमें अध्यापन का कार्य डॉ. ममता शर्मा प्रसूति एवं अन्य स्त्री रोग विशेषज्ञ द्वारा किया जा रहा है। 2 सीट फैमिली मेडिसिन अंतर्गत स्वीकृत है, इसमें अध्यापन का कार्य डॉक्टर बी.एल. तापड़िया द्वारा किया जाता है।
अब नई स्वीकृति प्राप्त होने से दो सीट नेत्र रोग विभाग के अंतर्गत भी प्राप्त हो गई है । इस विभाग में अध्यापन का कार्य नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. एम.एस. सागर और डॉ. एस.एस. गुप्ता द्वारा किया जाएगा। इन दो सीटों में एक सीट गवर्नमेंट आफ इंडिया कोटा से तथा एक सीट स्टेट कोटा से स्वीकृत है। इसमें प्रवेश प्राप्त करने के लिए ऑल इंडिया नीट पीजी कोटा से चयनित अभ्यर्थी जिला चिकित्सालय में आकर अपना अध्ययन पूर्ण करते हैं। गैर शासकीय सेवक चिकित्सको के लिए शासकीय नियम अनुसार 1 लाख 25 हजार रुपए फीस निर्धारित है। जबकि शासकीय चिकित्सा अधिकारियों को फीस का भुगतान नहीं करना होता है।
कार्यक्रम के अंतर्गत राज्य स्तरीय दल द्वारा अस्पताल का निरीक्षण कर समस्त स्वास्थ्य सुविधाओं अंतर्गत उपलब्ध संसाधन के आधार पर मार्किंग की जाती है तथा निर्धारित क्राइटेरिया पूर्ण करने पर कमेटी द्वारा उपलब्ध फैसिलिटी का पूर्ण मूल्यांकन कर सीट स्वीकृत की जाती है। डिप्लोमा कोर्स पूर्ण करने के उपरांत चिकित्सक विशेषज्ञ चिकित्सक के रूप में मान्यता प्राप्त कर लेते हैं । इस दिशा में रतलाम जिले के लिए यह अत्यधिक गौरव पूर्ण उपलब्धि है। इस उपलब्धि के लिए सिविल सर्जन डॉ. सागर ने जिला चिकित्सालय के डॉ. बी.एल. तापड़िया सहित सभी चिकित्सकों और नर्सिंग ऑफिसर और स्टाफ को यह कहते हुए शुभकामनाएं दी है कि आप सभी लोगों के नियमित अच्छा कार्य करने से ही रतलाम को यह उपलब्धि हासिल हुई है।

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